UP Ramu the Elephant: 72 की उम्र में ज़िंदगी की अंतिम लड़ाई लड़ रही है रामू हथिनी

🗓️ Published on: May 14, 2025 6:10 pm
UP Ramu the Elephant

UP Ramu the elephant नाम की हथिनी इन दिनों गंभीर हालत में है और ज़िंदगी की अंतिम लड़ाई लड़ रही है। 72 वर्षीय यह बुजुर्ग हथिनी आज असहनीय पीड़ा में है। उसके पैर के तलवे बुरी तरह फट चुके हैं और गहरे घावों से संक्रमित हैं। हालात इतने खराब हैं कि उसके लिए खड़ा होना तक असंभव हो गया है।

तलवों में गहरे जख्म और संक्रमण

रामू हथिनी के तलवों की गद्दियां खत्म हो चुकी हैं और उनमें सिर्फ दरारें व संक्रमण दिखता है। नाखून और तलवे लगभग अलग हो चुके हैं, जिससे उसकी हालत और भी दर्दनाक बन गई है। इंसानी लालच और अत्याचार ने रामू को इस स्थिति में पहुँचा दिया है।

उदयपुर में चल रहा इलाज

इस समय UP Ramu the elephant को उदयपुर के आवरी माता मंदिर में अस्थायी रूप से रखा गया है, जहां Wildlife SOS की टीम उसका उपचार कर रही है। राजस्थान वन विभाग के सहयोग से यह संगठन लगातार हथिनी की देखभाल कर रहा है। हर 36 घंटे में हाइड्रा क्रेन की मदद से उसकी स्थिति बदली जाती है और प्रतिदिन 40 से 60 लीटर फ्लूइड थेरेपी दी जा रही है ताकि उसे स्थिर रखा जा सके।

बेहतर देखभाल के प्रयास

रामू के आराम के लिए एक कूलिंग सिस्टम, गद्देदार टेंट और 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है। बावजूद इसके, रामू की हालत चिंताजनक बनी हुई है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि यदि समय रहते सही उपचार मिलता, तो शायद रामू आज इतनी पीड़ा में न होती।

रामू की दर्दभरी कहानी

रामू को 1992 में बिहार के सोनपुर पशु मेले से खरीदा गया था। उसके बाद उसे सड़कों पर भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल किया गया। सालों तक कैद और शोषण झेलने के बाद, अप्रैल 2024 में राजस्थान के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने रामू को विशेष बचाव केंद्र में भेजने की सिफारिश एक उच्चस्तरीय समिति को सौंपी थी।

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अब भी समय है सुधार का

Wildlife SOS के सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि यदि पुनर्वास आदेश पर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो UP Ramu the elephant आज इस हालत में न होती। संस्था के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी ने चेतावनी दी है कि यदि दूसरे हाथी “मोती” को जल्द अस्पताल नहीं भेजा गया, तो उसकी भी स्थिति रामू जैसी हो जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि हाई पावर कमेटी के निर्देशों को तुरंत लागू किया जाए, ताकि रामू को हाथी अस्पताल में बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके।

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