Project Lion: दुनिया में बजेगा गुजरात के गिर का डंका, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे पर शेरों के बीच पहुंचेंगे PM मोदी, जानें प्रोजेक्ट लाइन?

Last updated on March 3rd, 2025 at 01:05 pm

Project Lion: 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस 2025 पर वन्य जीव संरक्षण चित्त लोगों और ग्रह  में निवेश थीम पर वैश्विक संरक्षण प्रयासों से स्थाई चितपोषण की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। इस दृष्टिकोण के अनुरूप प्रोजेक्ट लायन  एक समर्पित पहल है जो एशियाई शेरों की आबादी के संरक्षण औरविस्तार पर केंद्रित है। रणनीतिक आवास प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से उनके दीर्घकालीन अस्तित्व को सुरक्षित करता है।

प्रोजेक्ट लायन की नीव 15 अगस्त 2020 को स्वतंत्रता दिवस पर रखी गई थी। जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में सामुदायिक भागीदारी प्रौद्योगिकी संचालित संरक्षण वन्य जीव स्वास्थ्य देखभाल उचित आवास प्रबंधन और मानव शेयर संघर्ष शमन के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था। 

Project Lion: लायन क्या है?

पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 2 नवंबर 2022 के पत्र के अनुसार 2927.71 करोड़ के कुल बजट वाली 10 वर्षीय परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस पहल का उद्देश्य एशियाई शेरों की भलाई सुनिश्चित करना है जिनकी आबादी 2020 के अनुमान के अनुसार गुजरात में 9 जिलों के 53 तालुकाओं मेंफैले 674 शेरों की है, जो लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। 

इसके अलावा राज्य में बरडा अभ्यारण में आठ शेरो की स्थाई आबादी है इसलिए इस परियोजना के तहत  बरडा अभ्यारण को शेरों के लिए दूसरे घर के रूप में भी विकसित करने की योजना बनाई गई है। हाल ही में  बरडा वन्य अभ्यारण में एशियाई शेरों के प्राकृतिक प्रसार और सफल प्रजनन के कारण बरडा के शेरों के लिए दूसरे घर के रूप में उभर के सामने आया है। और आज बरडा क्षेत्र में 6 वयस्क शेरों और 11 शावकों सहित 17 शेर रहते हैं। प्रोजेक्ट लायन में आवास और जनसंख्या प्रबंधन वन्यजीव स्वास्थ्य मानव वन्यजीव संघर्ष शमन स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर्यटन विकास वैज्ञानिक अनुसंधान प्रशिक्षण पारिस्थितिक की विकास और जैव विविधता संरक्षण सहित कई तरह की रणनीतियां शामिल की गई है। 

शेर संरक्षण प्रयासों को मजबूत करना प्राथमिक लक्ष 

2024 में नए बीट गार्ड- शेर संरक्षण को मजबूत करने के लिए 2024 में 237 बीटगार्ड (162 पुरुष 75 महिलाएं ) की भर्ती की गई। वे संरक्षित क्षेत्र में ग्रस्त करते हैं संघर्षों को रोकते हैं और शेरों के आवासों की सुरक्षा करते हैं। 

बचाव वाहनों की तैनाती-त्वरित वन्य जीव आपातकालीन प्रतिक्रिया जंगली जानवरों के बचाव और समय पर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए 92 बचाव वाहन तैनात करवाए गए हैं। 

किसानों के लिए मचान-मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए 11 000 मचान बनाए गए हैं जिससे किसानों को फसलों की रक्षा करने में मदद मिलेगी साथ ही शेरों के साथ सुरक्षा और सह अस्तित्व सुनिश्चित होगा।

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खुले कुओं पर मुंडेर की दीवारें- एक प्रमुख सुरक्षा उपाय है कि 55.108 खुले कुओ के चारों ओर मुंडेर की दीवारें बनाई गई है ताकि वन्यजीवों के गिरने से बचाया जा सके मृत्यु घर में कमी लाई जा सके. तथा पशुओं और जल स्रोतों दोनों की रक्षा की जा सके। 

प्रोजेक्ट लाइन के अंतर्गत प्रमुख पहल 

वन्य जीव स्वास्थ्य एवं निगरानी- भारत सरकार ने वन्य जीव स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र को मंजूरी दे दी है जिसके लिए गुजरात के जूनागढ़ जिले के न्यू पिपलिया में 20.24 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिसमे  चारों ओर दीवार बनाने का काम बही चालू है। 

उच्च तकनीक संरक्षण उपाय- गिर क्षेत्र में वन्यजीवों की निगरानी के लिए सासण गिर में एक उच्च तकनीक निगरानी केंद्र और अत्यधिक पशु चिकित्सा अस्पताल स्थापित किया गया है। 

व्यापक जल भागीदारी- विश्व शेर दिवस पर 11065 से अधिक संख्याओं और लगभग 18.90 लाख विद्यार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों ने जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया गया था। 

रेलवे सुरक्षा उपाय- ग्रेटर क्षेत्र में रेलवे की पटरियों पर शेरों की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अधिकारियों के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया ( एस ओ पी ) विकसित की गई है जिससे ऐसी घटनाओं में काफी कमी आई है। 

प्रोजेक्ट लायन की शुरुआत भारत की संरक्षण यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है। गुजरात की अगुवाई में यह पहल एशियाई शेरों के दीर्घकालीन अस्तित्व और कल्याण को सुनिश्चित करेगी जिससे वन्य जीव संरक्षण में वैश्विक लीडर के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

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FAQ

When was Project Lion launched in India?

Gir lion project is an initiative of the Indian government to provide natural habitat to the Asiatic Lion to increase their population and to save them from being extinct. The Gir Lion Sanctuary Project was started in 1972. It is being run by the state and the central government.

What is the aim of Project Lion?

The stated goal for Project Lion is to ensure that Asiatic lions “perform their ecological role in the ecosystem and retain their evolutionary potential.” The proposal deems the attempts made for conserving Asiatic lions in the Gir National Park and Wildlife Sanctuary, Gujarat, a “conservation success story”.

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