Last updated on May 24th, 2025 at 03:14 pm
UNESCO Global Geoparks: यूनेस्को ने 17 अप्रैल 2025 को 16 नए वैश्विक जियोपार्क्स (Global Geoparks) को मान्यता दी, जिससे अब दुनिया भर में कुल 229 ऐसे जियोपार्क्स हो गए हैं, जो 50 देशों में फैले हुए हैं। यह नेटवर्क अब लगभग 8,55,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है, जो नामीबिया के आकार के बराबर है। इन नए जियोपार्क्स को उनके अद्वितीय भूवैज्ञानिक धरोहर के लिए मान्यता प्राप्त है, जिनमें ज्वालामुखीय श्रृंखलाएं, प्राचीन चट्टानी संरचनाएं, पर्वतीय क्षेत्र, जीवाश्म स्थल, और रेगिस्तानी परिदृश्य शामिल हैं। ये स्थल न केवल भूवैज्ञानिक धरोहर के संरक्षण को बढ़ावा देते हैं, बल्कि पर्यावरणीय शिक्षा, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

UNESCO Global Geoparks प्रमुख विशेषताएं
यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क्स (UGGPs) – मुख्य तथ्य
- 10वीं वर्षगांठ अपडेट (2025):
11 देशों में फैले 16 नए स्थलों को ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क (GGN) में जोड़ा गया। - कुल यूजीजीपी:
50 देशों में 229। - भारत:
अब तक कोई भी यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क नहीं है।
16 नए यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क्स
1. एशिया में जियोपार्क्स
- चीन: कानबुला यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
छिंगहाई-तिब्बत पठार के उत्तर-पूर्वी किनारे पर स्थित, यह स्थल प्राचीन ज्वालामुखियों और पीली नदी के लिए प्रसिद्ध है। - चीन: युनयांग यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल 25 करोड़ वर्ष पुरानी भूदृश्यों को प्रदर्शित करता है, जो समुद्र से स्थलीय वातावरण में बदलाव को दर्शाता है। - उत्तर कोरिया: माउंट पैक्टू यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
ज्वालामुखी विस्फोटों और हिमनद कटावों की विशेषता, यह स्थल उत्तर कोरिया का पहला यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क है। - इंडोनेशिया: केबुमेन यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल करंगसंबुंग जैसी प्राचीन चट्टानी संरचनाओं को संरक्षित करता है, जो महासागरीय और महाद्वीपीय किनारों का प्राकृतिक प्रयोगशाला है। - इंडोनेशिया: मेरातुस यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल जुरासिक युग की भूवैज्ञानिक विरासत और हीरे की खानों के लिए प्रसिद्ध है। - दक्षिण कोरिया: डनयांग यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल बैकडु डेगन पर्वत श्रृंखला में स्थित है, और इसमें 1.9 अरब वर्ष पुराने ग्रेनाइट ग्नाइस की चट्टानें शामिल हैं। - दक्षिण कोरिया: ग्योंगबुक डोंघेआन यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल डिओकगु घाटी और प्राचीन ग्रेनाइट चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही यहाँ गर्म जलस्रोत भी हैं।
2. यूरोप में जियोपार्क्स
- इटली: मुर्जीयोपार्क यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल मुर्जेस हाइलैंड्स में स्थित है और यह एड्रियाटिक प्लेट और प्राचीन भूगर्भीय विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। - नॉर्वे: फॉर्ड कोस्ट यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल पश्चिमी तटीय क्षेत्र है, जहाँ फॉर्ड्स, झरने और ग्लेशियरों का अद्वितीय परिदृश्य है। - स्पेन: कोस्टा क्वेब्राडा यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
कांटाब्रियन तट के माध्यम से 12 करोड़ वर्षों के टेक्टोनिक परिवर्तनों की झलक पेश करता है। - यूके: एरन यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
स्कॉटलैंड के इस द्वीप में 60 करोड़ वर्षों की भूवैज्ञानिक विरासत का प्रमाण मिलता है।
3. मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका में जियोपार्क्स
- सऊदी अरब: नॉर्थ रियाद यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल तुवैक पर्वत के तलहटी में स्थित है, जहाँ टेबलटॉप पर्वत और सांस्कृतिक स्थलों का संगम है। - सऊदी अरब: सलमा यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल 74 करोड़ वर्ष पुराने ज्वालामुखीय और आग्नेय शैलों की विशेषता है। - वियतनाम: लांग सोन यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
उत्तरी वियतनाम के चूना पत्थर पर्वतों में स्थित यह स्थल ज्वालामुखीय और पारिस्थितिकी विकास के प्रमाण प्रस्तुत करता है। - इक्वाडोर: नापो सुमाको यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल अमेज़न बेसिन में स्थित है और इसमें सुमाको ज्वालामुखी समेत जुरासिक काल से लेकर अब तक की गतिविधियाँ शामिल हैं। - इक्वाडोर: तुंगुराहुआ वोल्केनो यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क
यह स्थल एंडीज़ पर्वत में स्थित है और यहाँ की ज्वालामुखीय और हिमनदीय विरासत 417 मिलियन वर्षों पुरानी है।
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यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क्स (UGGPs) – अवलोकन
- शुरुआत: 2015 में, इंटरनेशनल जियोसाइंसेज एंड जियोपार्क्स प्रोग्राम (IGGP) के अंतर्गत।
- परिभाषा: एकीकृत भौगोलिक क्षेत्र, जिसकी अंतरराष्ट्रीय भूवैज्ञानिक महत्ता हो।
- प्रबंधन: किसी राष्ट्रीय कानून के तहत मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा।
- पुनर्मूल्यांकन: हर 4 वर्षों में।
- नेटवर्किंग: GGN की सदस्यता अनिवार्य है।
ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क (GGN)
- प्रकार: यूनेस्को के तहत एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन।
- उद्देश्य:
- नैतिक मानकों की स्थापना।
- वैश्विक जियोपार्क्स के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और सहयोग को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष (Conclusion):
यूनेस्को द्वारा 16 नए वैश्विक जियोपार्कों की घोषणा ने दुनिया भर में भूवैज्ञानिक धरोहर के संरक्षण के प्रति गंभीरता को और बढ़ा दिया है। इन नए जियोपार्कों की अद्वितीय भूवैज्ञानिक विशेषताएं, जैसे ज्वालामुखीय संरचनाएं, प्राचीन चट्टानी संरचनाएं, और जीवाश्म स्थल, न केवल पर्यावरणीय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में भी मददगार साबित होते हैं। इन स्थलों के माध्यम से भूवैज्ञानिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक जियोपार्क नेटवर्क (GGN) के माध्यम से देशों के बीच सहयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा। हालांकि, भारत में अभी तक कोई यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क नहीं है, यह संभावना बनी हुई है कि भविष्य में इस क्षेत्र में भी भारत महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर सकता है।