Tata Steel Zoological Park: टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क, जमशेदपुर में अब बाघ और शेरों के लिए नए और अत्याधुनिक बाड़ों का निर्माण किया गया है। सोमवार को आयोजित उद्घाटन समारोह में इन बाड़ों को जनता के लिए खोला गया। टाटा स्टील जूलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष श्री चाणक्य चौधरी ने इस अवसर पर इन विशेष बाड़ों को वन्यजीवों को समर्पित किया।
जानवरों की देखभाल और विजिटर्स का अनुभव हुआ और बेहतर
टाटा स्टील जूलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष श्री चौधरी ने बताया कि ये नए बाड़े न केवल जानवरों को एक सुरक्षित और आरामदायक आवास उपलब्ध कराते हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी चिड़ियाघर का अनुभव और रोचक बनाते हैं। उन्होंने कहा, “ये बाड़े हमारे वन्यजीवों के कल्याण और समुदाय के साथ हमारे जुड़ाव को मजबूत करते हैं।”
Tata Steel Zoological Park आधुनिक तकनीक से लैस बाड़े
नए बाड़ों का निर्माण टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा किया गया है। इन बाड़ों में विशेष कांच की दीवारें लगी हैं, जिससे दर्शक जानवरों को नजदीक से देख सकते हैं। साथ ही, ये बाड़े खुले ढांचे के हैं जो जानवरों को स्वाभाविक वातावरण का अनुभव कराते हैं। यह संरचना क्षेत्र में बाघों और शेरों के लिए सबसे उन्नत मानी जा रही है।
चिड़ियाघर में बढ़ा बाघों का परिवार
वर्तमान में जू में दो बाघिनें – सलोनी और सुनैना मौजूद हैं। हाल ही में दो नए बाघ – एक नर रुद्र और एक मादा मेघना – को महाराष्ट्र के नागपुर मे स्थित बालासाहेब ठाकरे प्राणी उद्यान से लाया हुआ है। इन बाघों को अफ्रीकी ग्रे तोते की एक जोड़ी देकर के बदले में लाया गया, जो चिड़ियाघर की प्रजातियों में विविधता लाते हैं।
यह भी पढ़े: Eastern brown snake: गोल्फ कोर्स में दिखा दुनिया का दूसरा सबसे जहरीला सांप, लंबाई ने उड़ाए होश
अफ्रीकी शेरों का अनोखा ठिकाना
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क भारत का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर है, जहाँ अफ्रीकी शेरों की शुद्ध नस्ल पाई जाती है। फिलहाल, यहां दो नर और एक मादा शेर रह रहे हैं, जिनके लिए भी नया बाड़ा तैयार किया गया है।