Sariska Tiger Reserve: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर आई है। हाल ही में बाघिन एस-30 अपने तीन नन्हे शावकों के साथ जंगल में विचरण करती नजर आई है। इस सुखद घटना के बाद सरिस्का में बाघों की कुल संख्या बढ़कर 44 हो गई है। वन विभाग ने बाघिन और उसके बच्चों की निगरानी भी शुरू कर दी है, क्योंकि शावकों की उम्र लगभग दो महीने आंकी जा रही है।
Sariska Tiger Reserve में फिर बढ़ा बाघों का कुनबा
बीते महीनों में रणथंभौर और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से भी बाघों के शावकों के जन्म की खबरें आई थीं। अब अलवर के सरिस्का में भी बाघिन एस-30 ने तीन नए मेहमानों के साथ वन्यजीव प्रेमियों को खुश कर दिया है। बाघिन और शावकों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद पूरे इलाके में उत्साह की लहर है। बता दें कि इस बाघिन को वर्ष 2023 में रणथंभौर से सरिस्का स्थानांतरित किया गया था।
अब सरिस्का में कुल 44 बाघ
वन विभाग की जानकारी के मुताबिक, बाघिन एस-30 के तीन शावकों के आने से सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या अब 41 से बढ़कर 44 हो चुकी है। वर्तमान में यहां 11 नर बाघ, 18 बाघिनें और 15 शावक मौजूद हैं। यह आंकड़ा सरिस्का को राजस्थान के प्रमुख टाइगर सेंचुरी में और मजबूत करता है।
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दो माह के हैं शावक, निगरानी बढ़ी
विशेषज्ञों के अनुसार, बाघिन एस-30 के शावक करीब दो महीने के नजर आ रहे हैं। यह भी जानकारी मिली है कि बाघिन ने लगभग दो साल के अंतराल के बाद शावकों को जन्म दिया है। शावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है और बाघिन तथा शावकों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
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निष्कर्ष
सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघिन एस-30 के तीन नन्हे शावकों के साथ दिखाई देने की खबर ने न केवल वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह बढ़ाया है, बल्कि राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की सफलता को भी उजागर किया है। अब सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या यह साबित करती है कि यहाँ का वातावरण बाघों के लिए सुरक्षित और अनुकूल बनता जा रहा है। वन विभाग की सतर्क निगरानी और संरक्षण की नीतियाँ आने वाले समय में भी बाघों की आबादी में सकारात्मक बढ़ोतरी का संकेत देती हैं। यह खुशखबरी पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म दोनों के लिए एक बड़ा कदम है।