Last updated on May 24th, 2025 at 03:14 pm
Ratnagiri forests: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के जंगलों में पहली बार एक सफेद तेंदुए के शावक को देखा गया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
यह दृश्य संगमेश्वर तालुके के दाभोले गांव के पास काजू के बागान में पेड़ काटते समय सामने आया। शावक के साथ एक सामान्य रंग का तेंदुआ शावक भी देखा गया, जिससे यह घटना और भी दिलचस्प बन गई।
कैसे हुआ सफेद तेंदुए के शावक का पता?
सुबह के समय जब मजदूर काजू के बागान में पेड़ काट रहे थे, तभी उन्हें दो छोटे तेंदुए के बच्चे दिखाई दिए।
- एक शावक सामान्य पीले रंग का था।
- दूसरा शावक बिल्कुल सफेद रंग का था, जिसे देखकर मजदूर भी हैरान रह गए।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र में सफेद तेंदुए का यह पहला मामला है। दोनों शावकों की आंखें अभी पूरी तरह नहीं खुली थीं, जो दर्शाता है कि वे हाल ही में पैदा हुए हैं।
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क्या यह शावक एल्बिनो है या ल्यूसिस्टिक?
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि सफेद तेंदुए का शावक एल्बिनो (Albino) है या ल्यूसिस्टिक (Leucistic)।
- एल्बिनो जानवरों में मेलेनिन पूरी तरह अनुपस्थित होता है और उनकी आंखें गुलाबी दिखाई देती हैं।
- ल्यूसिस्टिक जानवरों में केवल त्वचा पर पिगमेंट की कमी होती है, आंखें सामान्य हो सकती हैं।
शावकों की आंखें खुलने के बाद ही इसकी सही पहचान हो पाएगी।
Ratnagiri forests ने उठाए त्वरित कदम
मजदूरों से सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक मादा तेंदुआ अपने शावकों को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जा चुकी थी।
हालांकि, मजदूरों द्वारा लिए गए फोटो देखकर अधिकारी भी दंग रह गए।
वन विभाग ने इलाके में ट्रैप कैमरे लगाकर शावकों की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सफेद तेंदुए का शावक
शावक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने इसे प्रकृति का अद्भुत चमत्कार बताया है और उम्मीद जताई है कि इन शावकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
महत्वपूर्ण जानकारी टेबल
| विषय | विवरण |
|---|---|
| स्थान | दाभोले गांव, संगमेश्वर तालुका, रत्नागिरी, महाराष्ट्र |
| तेंदुए का प्रकार | दुर्लभ सफेद तेंदुआ शावक (साथ में सामान्य रंग का शावक भी) |
| वर्तमान स्थिति | ट्रैप कैमरे से निगरानी |
| महाराष्ट्र में पहला मामला | हाँ |
| एल्बिनो या ल्यूसिस्टिक? | अभी पुष्टि नहीं हुई है |
| वन विभाग की कार्रवाई | क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं |
निष्कर्ष
रत्नागिरी के जंगलों में दुर्लभ सफेद तेंदुए के शावक की खोज न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए एक अनमोल और अद्भुत खबर है। यह घटना हमें प्रकृति के अद्भुत चमत्कारों की याद दिलाती है और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को और भी मजबूत बनाती है। वन विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई और ट्रैप कैमरों से निगरानी यह सुनिश्चित करती है कि इन दुर्लभ शावकों की सुरक्षा बनी रहे। हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी इस तरह की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। ऐसे अद्भुत जीव हमारे जैव विविधता के खजाने को और समृद्ध करते हैं और हमें उन्हें बचाने की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए।











