भारत में Project Cheetah को नई रफ्तार मिली है। कूनो नेशनल पार्क के बाद अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीते बसाने की योजना सफल हुई है। इसके साथ ही नौरादेही (मध्यप्रदेश) और बन्नी (गुजरात) को भी चीता पुनर्स्थापन योजना के तीसरे और चौथे संभावित स्थल के रूप में चुना गया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 31 चीते, जिनमें 19 शावक शामिल हैं, यह इस परियोजना की बड़ी सफलता का संकेत है।
Project Cheetah 70 साल बाद भारत में चीतों की ऐतिहासिक वापसी

करीब सात दशकों बाद भारत में चीते फिर से जंगलों में लौटे हैं। चीता पुनर्स्थापन योजना के तहत विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति को देश के विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों में दोबारा बसाया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत कूनो नेशनल पार्क से हुई थी और अब यह मिशन देशभर के कई राज्यों में फैल रहा है।
गांधीसागर बना चीतों का दूसरा घर

गांधीसागर अभयारण्य को अब आधिकारिक रूप से चीतों का दूसरा घर घोषित किया गया है। अप्रैल 2025 में दो चीतों को कूनो से गांधीसागर में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया। यह देश में पहली बार है जब चीता ट्रांसफर इस तरह से राज्य के भीतर किया गया, जो प्रोजेक्ट चीता के लिए मील का पत्थर है।
नौरादेही और बन्नी में तैयारियां तेज

अगले चरण में चीतों को नौरादेही अभयारण्य (वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व) और बन्नी ग्रासलैंड रिजर्व में बसाने की योजना है। ये स्थल क्रमशः तीसरे और चौथे चीता पुनर्स्थापन केंद्र के रूप में सूचीबद्ध किए गए हैं। यहां वातावरण अनुकूल बनाने और प्रे-बेस (शिकार प्रजातियों) को बढ़ाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
मानसून के बाद होगी चीता शिफ्टिंग

सूत्रों के अनुसार, बारिश के मौसम के बाद कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को नौरादेही और बन्नी में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके लिए चीता स्टियरिंग कमेटी में विचार-विमर्श जारी है और योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
देशभर में चिन्हित की गईं 10 चीता साइट्स

भारत में चीते की वापसी को लेकर बड़ी योजना Project Cheetah तैयार हुई है। देश के पांच राज्यों में कुल 10 संभावित स्थल विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित किए गए हैं। इनमें से चरणबद्ध तरीके से चीतों को बसाया जा रहा है। कूनो और गांधीसागर के बाद अब नौरादेही और बन्नी साइट्स पर भी काम तेज किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में 31 चीते, 19 नन्हे शावक

वर्तमान में मध्यप्रदेश के दो प्रमुख क्षेत्रों, कूनो और गांधीसागर में कुल 31 चीते हैं। इनमें कूनो में 29 और गांधीसागर में 2 चीते रह रहे हैं। कूनो में मौजूद 19 शावक इस बात का प्रमाण हैं कि प्रोजेक्ट चीता इंडिया सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा होगा अंतिम निर्णय
Project Cheetah के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि देशभर में 10 चिन्हित साइट्स पर चीतों को चरणबद्ध रूप से बसाने की प्रक्रिया चलेगी। नौरादेही और बन्नी में चीता ट्रांसफर से संबंधित अंतिम फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर लिया जाएगा।
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निष्कर्ष
Project Cheetah के तहत भारत में चीतों की वापसी न सिर्फ देश की जैव विविधता को समृद्ध कर रही है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल भी है। कूनो नेशनल पार्क से शुरू हुई यह यात्रा अब गांधीसागर, नौरादेही और बन्नी जैसे नए स्थलों तक पहुँच चुकी है। मध्यप्रदेश में चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि इस परियोजना की सफलता का प्रमाण है। आने वाले समय में जब देशभर के 10 चिन्हित स्थलों पर चीते पुनर्स्थापित होंगे, तो भारत फिर से दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जाएगा जहां वन्यजीव संरक्षण और पुनर्स्थापन की ऐसी बड़ी योजना सफलतापूर्वक चलाई जा रही है। यह मिशन न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि देश के इको-टूरिज्म को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।