Last updated on April 1st, 2025 at 11:20 pm
PM Narendra Modi with Asiatic Lions in Gir Gujarat: विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने बताया कि सामूहिक प्रयासों से एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि हो रही है।
भारत में 6,327 डॉल्फ़िन होने का अनुमान
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में गिर में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक में देश में डॉल्फ़िन की पहली आधिकारिक जनगणना की रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 6,327 डॉल्फ़िन हैं। इस अध्ययन में आठ राज्यों की 28 नदियों को शामिल किया गया, जहाँ 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में 3,150 मानव-दिनों का सर्वेक्षण किया गया।
PM Narendra Modi with Asiatic Lions in Gir Gujarat: डॉल्फ़िन संरक्षण पर जोर
पीएम मोदी ने डॉल्फ़िन संरक्षण को लेकर स्थानीय समुदायों और ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। इसके तहत—
नदी डॉल्फ़िन पर विशेष पुस्तक का विमोचन
स्कूली बच्चों के लिए एक्सपोज़र विजिट आयोजित करने की सलाह
एशियाई शेरों की 16वीं जनगणना का ऐलान
पीएम मोदी ने गिर जंगल में एशियाई शेरों की 16वीं जनगणना शुरू करने की घोषणा की। यह गिनती हर पाँच साल में की जाती है, जिसकी पिछली प्रक्रिया 2020 में हुई थी। इसके अलावा, शेरों के संरक्षण के लिए “प्रोजेक्ट लायन” के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी भी दी गई।
वन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला
गुजरात के जूनागढ़ जिले के न्यू पिपिल्या में 20.24 हेक्टेयर भूमि पर एक राष्ट्रीय रेफरल केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री ने रखी, जिससे वन्यजीव चिकित्सा और बचाव कार्यों को बल मिलेगा।
इको-टूरिज्म और वन्यजीव संरक्षण पर बल
पीएम मोदी ने इको-पर्यटन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वन्यजीव पर्यटन के लिए यात्रा और कनेक्टिविटी आसान होनी चाहिए। उन्होंने बर्दा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में शेरों के संरक्षण को भी समर्थन देने की घोषणा की।
बड़ी घोषणाएँ: मानव-पशु संघर्ष और जंगल की आग से निपटने के उपाय
प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर के सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री में “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित करने की घोषणा की। इस केंद्र का उद्देश्य—
मानव और वन्यजीव संघर्ष को प्रबंधित करना
डॉक्टरों और स्थानीय समुदाय को प्रशिक्षित करना
इसके अलावा, पीएम मोदी ने रिमोट सेंसिंग, भू-स्थानिक मैपिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
नए संरक्षित क्षेत्रों और प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा
बैठक में सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट और प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड जैसी योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इसके साथ ही, डॉल्फ़िन और एशियाई शेरों के संरक्षण, अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट्स एलायंस की स्थापना और मानव-पशु संघर्ष के समाधानों पर भी विचार किया गया।
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निष्कर्ष:
पीएम मोदी की यह बैठक वन्यजीव संरक्षण, इको-पर्यटन और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन योजनाओं से भारत में वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन को मजबूत करने में मदद मिलेगी।