Lohagarh fort Information: राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक, लोहरगढ़ किला Lohagarh Fort, भरतपुर शहर में स्थित है। यह किला अपनी अभेद्य सुरक्षा, मजबूत वास्तुकला और गौरवशाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसे “लौह किला” (Iron Fort) भी कहा जाता है क्योंकि यह दुश्मनों के कई हमलों के बावजूद कभी नहीं टूटा। यह लेख लोहरगढ़ किले के इतिहास, वास्तुकला, प्रमुख आकर्षणों और यात्रा संबंधी जानकारियों को विस्तार से प्रस्तुत करता है।
Lohagarh fort Information: लोहरगढ़ किला का इतिहास

निर्माण काल:
लोहरगढ़ किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सूरज मल द्वारा कराया गया था, जो भरतपुर के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे।
ऐतिहासिक महत्त्व:
- यह किला अंग्रेजों और मुगलों के कई आक्रमणों को झेल चुका है, लेकिन किसी ने भी इसे जीत नहीं पाया।
- 1805 ई. में लॉर्ड लेक द्वारा किये गए हमले को भी यह किला नाकाम कर चुका है।
- इसके कारण इसे भारत का ‘अभेद्य किला’ (Invincible Fort) भी कहा जाता है।
वास्तुकला और निर्माण शैली

लोहे जैसा मजबूत निर्माण:
- किले की दीवारें और संरचना मिट्टी और पत्थर से बनी हैं, जो गोलियों और तोपों के सामने भी मजबूती से खड़ी रहीं।
- यह किला राजपूत और मुग़ल शैली की मिश्रित वास्तुकला को दर्शाता है।
चारों ओर खाई (Moat):
- दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किले के चारों ओर एक गहरी जल-खाई बनाई गई थी।
प्रमुख आकर्षण (Main Attractions)
आकर्षण | विवरण |
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जवाहर बुर्ज | इस बुर्ज को 1805 में अंग्रेजों पर जीत के बाद बनवाया गया था। |
फतह बुर्ज | इस बुर्ज का निर्माण दिल्ली के लाल किले पर विजय की याद में किया गया था। |
किले के तोरण द्वार | सुंदर नक्काशी से सजे ये द्वार किले की भव्यता बढ़ाते हैं। |
राजा सूरज मल की छवि | अंदर एक संग्रहालय भी है जहाँ राजा सूरज मल की मूर्तियाँ और युद्ध सामग्री प्रदर्शित की गई है। |
Lohagarh Fort क्यों प्रसिद्ध है?
- यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसे कभी जीता नहीं गया।
- इसकी रक्षा प्रणाली और निर्माण रणनीति इसे अन्य किलों से अलग बनाती है।
- यह किला भारत की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कई कहानियों का साक्षी भी रहा है।
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यात्रा जानकारी (Travel Information)
- स्थान: भरतपुर, राजस्थान
- समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीय पर्यटकों के लिए ₹20 से ₹50 तक (वयस्कों के लिए); विदेशियों के लिए अलग दरें हो सकती हैं
- कैसे पहुँचें:
- रेल मार्ग: भरतपुर रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर
- सड़क मार्ग: आगरा, जयपुर और दिल्ली से सीधी बसें उपलब्ध
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा – आगरा (56 किमी)
घूमने का सही समय
लोहरगढ़ किला घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का मौसम सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।
निष्कर्ष
लोहरगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं है, बल्कि यह राजपूती शौर्य, बुद्धिमत्ता और आत्म-सम्मान का प्रतीक है। यदि आप राजस्थान की विरासत को करीब से देखना चाहते हैं, तो लोहरगढ़ किले की यात्रा अवश्य करें। यह स्थान इतिहास प्रेमियों, छात्रों और पर्यटकों के लिए समान रूप से आकर्षक है।