मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) को एक आदर्श वन्यजीव पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस परियोजना के तहत बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यटन अवसंरचना और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने जैसे बहुपक्षीय प्रयास किए जाएंगे।
ग्वालियर से बेहतर कनेक्टिविटी
सीएम यादव ने बताया कि कूनो तक की पहुँच को सुगम बनाने के लिए अब ग्वालियर से बारहमासी पक्की सड़क (All-weather road) बनाई जाएगी। साथ ही हवाई संपर्क (Air Connectivity) भी सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे देश-विदेश से पर्यटक आसानी से कूनो तक पहुंच सकें।
जंगल में टेंट सिटी और दीदी कैफे का निर्माण
पर्यटकों को जंगल के बीच ठहरने का अनोखा अनुभव देने के लिए एक खूबसूरत टेंट सिटी बनाई जाएगी। इसके साथ ही ‘दीदी कैफे’ की शुरुआत की जाएगी, जिसे महिला स्व-सहायता समूह संचालित करेंगे। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा अवसर मिलेगा और पर्यटकों को स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी मिलेगा।
चीता प्रोजेक्ट को नया विस्तार
चीता पुनर्वास परियोजना को और आगे बढ़ाते हुए सीएम ने बताया कि कूनो में जन्मे भारतीय चीतों को अब चरणबद्ध तरीके से गांधीसागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा। 20 अप्रैल को दो नर चीते, पावक और प्रभाष, को वहां शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, मई 2025 में बोत्सवाना से 4 और चीतों को भारत लाया जाएगा। अब तक इस प्रोजेक्ट पर 112 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जिसमें से 67% राशि मध्यप्रदेश में ही खर्च की गई है। साथ ही केन्या से चीतों को लाने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
IIFM भोपाल देगा प्रशिक्षण
पर्यटन को स्थानीय युवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 80 गांवों के 400 ‘चीता मित्र’ को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये स्वयंसेवक पर्यटकों के गाइड के रूप में कार्य करेंगे और उन्हें होमस्टे मैनेजमेंट व इको-टूरिज्म का भी प्रशिक्षण मिलेगा। इसके लिए भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM), भोपाल के साथ समझौता किया गया है।
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Kuno National Park में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु चिकित्सालय
वन्यजीवों की चिकित्सा और रेस्क्यू के लिए कूनो में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जाएगा, जो न केवल चीतों बल्कि अन्य वन्यजीवों की देखभाल में एक मील का पत्थर साबित होगा।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा घोषित यह बहुआयामी योजना कूनो को न केवल एक विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाएगी, बल्कि स्थानीय विकास, महिला सशक्तिकरण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगी। यह पहल भारत के इको-टूरिज्म मॉडल को एक नई दिशा देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उदाहरण पेश करेगी।