Khijadiya Bird Sanctuary: नायरा एनर्जी ने राज्य की राजधानी गांधीनगर में गुजरात सरकार वन एवं पर्यावरण विभाग तथा शिक्षा विभाग के अंतर्गत विद्या समीक्षा केंद्र के साथ दो समझौता ज्ञापन और हस्ताक्षर किए।
Khijadiya Bird Sanctuary: संरक्षण परियोजना के लिए नायरा एनर्जी वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी

वन विभाग के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार नायरा एनर्जी जामनगर जिले में खिजड़िया पक्षी अभियारण्य के संरक्षण और पुनरुद्वार परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी
कुल मिलाकर 12 करोड रुपये की भागत से तीन वर्षों में क्रियान्वित की जाने वाली इस परियोजना का उद्देश्य आर्द्रभूमि की पारिस्थितिक स्थिति में सुधार लाना स्थानीय जैव विविधता को बढ़ाना और आर्द्रभूमि प्रबंध तथा संबंधित गतिविधियों में स्थानीय धारकों की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
इसके अतिरिक्त इस पहल आर्द्रभूमि के पारिस्थितिकी और जल विज्ञान संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगी जिससे अभियारण्य की जल ग्रहण क्षेत्र में स्थानीय समुदायों को फायदा होगा और जैव विविधता पर तनाव कम होगा। परियोजना मुख्य रूप से पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने आर्द्रभूमि की बहाली और संरक्षण बुनियादी ढांचे की विकास और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
यह उल्लेखनिय है कि अपनी विविध भौगोलिक विशेषताओं के कारण Khijadiya Bird Sanctuary एक रामसर साइट ( अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि ) कई प्रजातियों का घर है। इनमें से 185 पौधों की प्रजातियां, 30 तितली की प्रजातियां, 21ड्रेगन फ्लाई प्रजातियां, 9 मछली की प्रजाति, और झींगा की कुछ प्रजाति, और 321 पक्षियों की प्रजाति, जिनमें से 125 जली पक्षी है, और 9 स्तनपाई प्रजातियां शामिल है। इसके अलावा अभियारण्य की 29 प्रजातियां, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ( IUNC ) की संकटग्रस्त जातियों की सूची में सूची बद्ध है।
Khijadiya Bird Sanctuary स्थानीय जल विज्ञान को भी वीनिमित्त करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक मूल्य का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बारिश और अपवाह भोजन को रिचार्ज करते हैं जिससे मिट्टी की लवणता को रोका जा सकता है।
यह Khijadiya Bird Sanctuary पांच पारिस्थितिकी संवेदनशील गांवो मे खिजड़िया, घुवाव, जाम्बुडा, सचाना और विभापर, घिरा हुआ है 1 से 3 किलोमीटर के दायरे में स्थित है।
समझोता ज्ञापन की अनुसार वन विभाग कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा जबकि नायरा एनर्जी खिजड़िया पक्षी अभियारण्य के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए वित्तीय और वन्य संसाधन उपलब्ध कराए गी।
मुख्यमंत्री श्री उपेंद्र पटेल की उपस्थिति में शिक्षा विभाग के नायरा एनर्जी और विद्या समीक्षा केंद्र के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से जामनगर और देव भूमि द्वारका के 1300 सरकारी स्कूलों और आंगनवाडी में पठन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इस तीन वर्षीय पहल के तहत अप्रैल 2025 से मार्च 2028 तक नायरा एनर्जी इन जिलों के सरकारी स्कूलों में प्रति स्कूल अंग्रेजी और गुजराती में 150 से अधिक पुस्तके उपलब्ध कराएगी। इसके अतिरिक्त 1900 आंगनवाडीयो के बच्चों की आसानी से समझ में आने वाली भाषाओं में 90 पुस्तके मिलेगी जिससे प्रारंभिक साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना का लक्ष लगभग 375000 पुस्तके वितरित करना है जिससे पढ़ने और सिखने के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा।
इसके अलावा शिक्षको और पुस्तकालयअध्यक्ष और पुस्तकालय बंधन और पठन सहभागिता पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि संसाधनों का प्रभावी उपयोग और दिवाली प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।
भौतिक पुस्तकों से परे यह पहल डिजिटल पठन सामग्री और बुनियादी ढांचे तक पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल फॉर्म का लाभ उठाएंगी। स्कूल के पाठ्यक्रम मे डिजिटल पठन सत्रों को एकीकृत करने के लिए स्मार्ट क्लास रूम कंप्यूटर लैब और टैबलेट का उपयोग किया जाएगा। शिक्षकों को ओपन सोर्स डिजिटल लाइब्रेरी का योग करने और कक्षा में डिजिटल पठन अनुकरण शामिल करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह पहल गुजरात की पठन संस्कृति को बढ़ावा देगी बहू भाषी शिक्षण संसाधनो तक पहुंच का विस्तार करेगी आंगनवाडी बच्चों के बीच साक्षरता को मजबूत करें और शिक्षकों को शारीरिक और डिजिटल साक्षरता उपकरणों में प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाएगी। प्रौद्योगिकी और ओपन सोर्स प्लेटफार्म के उपयोग शिक्षा में पहुँच और सुधार समावेशिता में और सुधार होगा।