जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दिखा एशिया का सबसे विशाल ‘हर्क्यूलिस’ बाघ, 300 किलोग्राम वजन और लगभग 7 फीट लंबाई

🗓️ Published on: May 5, 2025 12:56 pm
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व : उत्तराखंड के रामनगर क्षेत्र में एक विशालकाय बाघ, जिसे ‘हर्क्यूलिस’ नाम दिया गया है, ने वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को हैरान कर दिया है। प्रारंभिक आकलनों के अनुसार, यह बाघ लगभग 300 किलोग्राम वजन और लगभग 7 फीट लंबाई का है, जिससे यह एशिया का सबसे बड़ा बाघ होने का दावा कर रहा है।​

फोटो और वीडियो में यह बाघ अपने विशाल आकार और ताकत के लिए पहचाना जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने कैमरा ट्रैप्स और अन्य निगरानी उपकरणों के माध्यम से इसकी गतिविधियों पर नजर रखी है। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि ‘हर्क्यूलिस’ बाघ उत्तराखंड के समृद्ध जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों का प्रतीक है।​

यदि यह बाघ वास्तव में एशिया का सबसे बड़ा बाघ है, तो यह उत्तराखंड के वन्यजीव पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला सकता है। स्थानीय लोग और पर्यटक इस दुर्लभ दृश्य का आनंद ले रहे हैं और इसे एक अविस्मरणीय अनुभव मानते हैं।​

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जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दिखा अद्भुत दृश्य

इस अद्भुत जीव की पहली झलक जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास एक स्थानीय गांव के पास देखी गई, जब कुछ पर्यटकों ने इसकी तस्वीरें लीं और सोशल मीडिया पर शेयर कीं। जल्द ही वन विभाग हरकत में आया और इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए गए। इन कैमरों में हर्क्यूलिस की स्पष्ट तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड हुईं, जो उसके भारी-भरकम शरीर और ताकतवर चाल का प्रमाण हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस बाघ का विशाल आकार उत्तराखंड की जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण की सफलता को दर्शाता है। ‘हर्क्यूलिस’ न सिर्फ एक बाघ है, बल्कि वह पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है कि वन्यजीव आबादी स्वस्थ और सुरक्षित है। विशेषज्ञ इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या यह बाघ किसी खास प्रजातीय बदलाव का संकेत हो सकता है या फिर सिर्फ एक दुर्लभ आनुवंशिक विशेषता है।

स्थानीय लोग और टूर गाइड इस घटना से उत्साहित हैं। एक स्थानीय गाइड ने बताया, “हमने अपने जीवन में ऐसा बाघ पहले कभी नहीं देखा। यह पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बन गया है।” कई पर्यटक सिर्फ इसकी एक झलक पाने के लिए क्षेत्र में आने लगे हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन को भी नया जीवन मिला है।

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हालांकि, वन विभाग पूरी सावधानी बरत रहा है और जनता से अपील कर रहा है कि वे बाघ के करीब जाने की कोशिश न करें। ‘हर्क्यूलिस’ की निगरानी लगातार की जा रही है ताकि उसकी सुरक्षा और व्यवहार दोनों पर नज़र रखी जा सके।

अगर पुष्टि हो जाती है कि यह एशिया का सबसे बड़ा बाघ है, तो यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह घटना वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता की दिशा में भी एक प्रेरणास्पद कदम मानी जा रही है।

Conclusion

‘हर्क्यूलिस’ की उपस्थिति न केवल उत्तराखंड की जैव विविधता की समृद्धि को दर्शाती है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों की सफलता का प्रतीक भी है। यदि यह एशिया का सबसे बड़ा बाघ साबित होता है, तो यह राज्य को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करेगा।

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