International Day of Forests 2025: वनों का संरक्षण, पर्यावरण का उत्थान

🗓️ Published on: March 21, 2025 10:26 am
International Day of Forests 2025

International Day of Forests 2025: हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (International Day of Forests) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वनों के महत्व को समझाना, लोगों को जागरूक करना और वनों के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है। 2025 की थीम – “वन और जलवायु परिवर्तन: हरित भविष्य की ओर” यह दर्शाती है कि जंगल जलवायु संतुलन बनाए रखने और वैश्विक तापमान में वृद्धि को रोकने में कितने अहम हैं।

वन केवल हरियाली का स्रोत नहीं, बल्कि पृथ्वी पर जीवन का आधार हैं। ये हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जैव विविधता को बनाए रखते हैं और प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में मदद करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर 2012 को यह निर्णय लिया कि हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य वनों के महत्व को उजागर करना और उनके संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाना है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के सहयोग से यह दिवस विभिन्न देशों में मनाया जाता है, जिसमें वृक्षारोपण, जागरूकता अभियान और वन संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

वनों का महत्व

वन न केवल हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि पृथ्वी की पारिस्थितिकी को संतुलित रखने में भी मदद करते हैं। आइए जानते हैं वनों के कुछ प्रमुख लाभ:

  1. स्वच्छ वायु और जल प्रदान करना

वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

ये वर्षा को आकर्षित करते हैं और जल स्रोतों को संरक्षित रखते हैं।

  1. जलवायु परिवर्तन से लड़ाई

वन ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित कर ग्लोबल वार्मिंग को कम करते हैं।

तापमान संतुलन बनाए रखते हैं और प्राकृतिक आपदाओं को कम करते हैं।

  1. जैव विविधता का संरक्षण

लगभग 80% स्थलीय जीव-जंतु और वनस्पतियाँ जंगलों में पाई जाती हैं।

वनों का संरक्षण वन्यजीवों की प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाता है।

  1. आर्थिक और सामाजिक महत्व

लाखों लोगों की आजीविका वनों पर निर्भर है।

औषधीय पौधे और लकड़ी उद्योग का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

भारत में वन संरक्षण की स्थिति

भारत में कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 21.71% भाग वन क्षेत्र से ढका हुआ है। भारत सरकार वन संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चला रही है, जैसे:

ग्रीन इंडिया मिशन – वनों को बढ़ाने और संरक्षण के लिए

नेशनल अफॉरेस्टेशन प्रोग्राम – पुनर्वनीकरण को बढ़ावा देने के लिए

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 – वन्यजीवों और जैव विविधता को बचाने के लिए

हालांकि, अवैध कटाई, शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण भारत में वनों का क्षेत्रफल घट रहा है।

वन संरक्षण के लिए आधुनिक उपाय

  1. पुनर्वनीकरण और वनीकरण

अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।

पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगाएँ।

  1. स्मार्ट फॉरेस्ट टेक्नोलॉजी

ड्रोन और सैटेलाइट के माध्यम से जंगलों की निगरानी।

अवैध कटाई और वन्यजीवों की तस्करी पर कड़ी नजर रखना।

  1. स्थायी कृषि और संसाधन उपयोग

खेतों और वन क्षेत्र के बीच संतुलन बनाए रखना।

लकड़ी और कागज के उपयोग को कम करना।

  1. सामुदायिक भागीदारी

स्थानीय लोगों को वन संरक्षण में शामिल करना।

सरकारी योजनाओं में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना।

हम वनों के लिए क्या कर सकते हैं?

एक पेड़ लगाएँ और उसकी देखभाल करें।

कागज और लकड़ी का कम से कम उपयोग करें।

वन्यजीवों और प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें।

सोशल मीडिया पर वन संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाएँ।

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निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि जंगल केवल पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि पृथ्वी का फेफड़ा हैं। यदि हम आज वनों को बचाने की दिशा में कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

इसलिए, आइए “हरियाली बचाएँ, जीवन बचाएँ” के संदेश को अपनाएँ और वन संरक्षण में अपना योगदान दें।

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