Spix’s Macaw conservation: विश्व मंच पर वापसी स्पिक्स मैकॉ का पुनः आगमन

📝 Last updated on: May 3, 2025 1:12 am
Spix's Macaw conservation

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Spix’s Macaw conservation: इस वर्ष के वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के खास मौके पर दुनिया भर की निगाहें ब्राजील की ओर हैं। आज ही के दिन, कुल 52 स्पिक्स मैकॉ पक्षी ACTP मुख्यालय से ब्राजील पहुँच रहे हैं — जिनमें 49 पक्षी बेल्जियम के Pairi Daiza सेंटर से और 3 ब्राजील से भेजे गए हैं। ये सुंदर नीले तोते अगले कुछ महीनों में जंगल में दोबारा बसाए जाने की तैयारी से गुजरेंगे। अधिक जानकारी के लिए आप spix-macaw.org पर विजिट कर सकते हैं।

“रीओ” फिल्म से विश्व प्रसिद्ध हुआ यह दुर्लभ तोता

स्पिक्स मैकॉ, जिसे करीब दो दशकों तक विलुप्त माना गया था, फिल्म ‘Rio’ के जरिए पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुआ। इस फिल्म में ‘ब्लू’ नाम का स्पिक्स मैकॉ मुख्य किरदार के रूप में नजर आया था। अब जब ये पक्षी दोबारा ब्राजील लौट रहे हैं, तो बाहिया राज्य के क्यूराका शहर और आसपास के गांवों में खुशी का माहौल है।

इस पुनर्वापसी कार्यक्रम को Caatinga क्षेत्र में समुदाय आधारित संरक्षण योजना के साथ जोड़ा गया है। इस इलाके को 2018 में संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था ताकि जैव विविधता और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिल सके। लगभग 7,500 स्थानीय छात्र इस प्रोजेक्ट के बारे में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में जैव संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

कैसे विलुप्ति के कगार से वापसी की

स्पिक्स मैकॉ का प्राकृतिक आवास चराई और अतिक्रमण के कारण खत्म हो गया था, और शिकार ने इसे लगभग नष्ट कर दिया। सीमित संख्या में जीवित बचे पक्षियों के कारण प्रजनन भी मुश्किल हो गया था। प्रारंभिक पुनर्वास प्रयास असफल रहे, लेकिन 2012 में ब्राजील की ICMBIO संस्था और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने एक कार्ययोजना बनाई। इसमें प्रजनन केंद्रों का विकास, निवास स्थान की रक्षा और पुनः जंगल में छोड़ने की रणनीति शामिल थी।

Spix’s Macaw conservation,ACTP और Pairi Daiza का योगदान

2016 में ACTP (Association for the Conservation of Threatened Parrots) ने बेल्जियम की Pairi Daiza Foundation और ICMBIO के साथ मिलकर ‘स्पिक्स रिलीज़ प्रोजेक्ट’ शुरू किया। 2018 तक सभी पक्षियों को ACTP के बर्लिन केंद्र में लाया गया। विशेष वैज्ञानिकों की टीम ने यहां सफल प्रजनन तकनीकों की मदद से इनकी संख्या को बढ़ाया।

क़तर के Al Wabra Wildlife Conservation द्वारा विकसित कृत्रिम गर्भाधान तकनीक और Gharko की कैप्टिव ब्रीडिंग विधि ने इस प्रजाति को बचाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2000 में जहां केवल 53 पक्षी बचे थे, वहीं आज इनकी संख्या बढ़कर 180 से ज्यादा हो चुकी है।

जंगल में वापसी का ऐतिहासिक दिन

3 मार्च 2020 को इन तोतों को विशेषज्ञ डॉक्टरों, जीव वैज्ञानिकों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ चार्टर्ड विमान से पेर्नाम्बुको राज्य के पेट्रोलिना लाया गया। यहां से वे बाहिया राज्य के क्यूराका स्थित 45 हेक्टेयर क्षेत्र वाले ब्रीडिंग और रिलीज सेंटर में गए। यह केंद्र Caatinga के संरक्षित क्षेत्र में स्थित है, जहां इन्हें फिर से जंगली जीवन के लिए तैयार किया गया। और 2021 में पहली बार स्पिक्स मैकॉ को प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा गया।

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स्पिक्स मैकॉ: एक दुर्लभ नीला रत्न

स्पिक्स मैकॉ, जिसे 200 साल पहले जर्मन वैज्ञानिक जोहान बाप्टिस्ट वॉन स्पिक्स ने खोजा था, आज भी दुनिया के सबसे दुर्लभ पक्षियों में गिना जाता है। इसका नीला रंग और अनोखी चोंच इसे शिकारीयों का निशाना बनाते रहे हैं। 1980 और 1990 के दशकों में इसके आवास के विनाश ने इसकी संख्या को खतरनाक स्तर तक गिरा दिया। आखिरकार, 2000 में इसे जंगल में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

ICMBIO और Pairi Daiza Foundation का परिचय

ICMBIO ब्राजील की संघीय एजेंसी है, जो देश के संरक्षण कार्यक्रमों का संचालन करती है। स्पिक्स मैकॉ के पुनर्वास और संरक्षण में इसकी प्रमुख भूमिका रही है।
वहीं, Pairi Daiza Foundation बेल्जियम की एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो दुनियाभर में संकटग्रस्त प्रजातियों और प्राकृतिक आवासों की रक्षा में सक्रिय है।

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निष्कर्ष

स्पिक्स मैकॉ की यह ऐतिहासिक वापसी सिर्फ एक प्रजाति का पुनर्जीवन नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों की सफलता का प्रतीक भी है। वर्षों की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिक तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग ने इस दुर्लभ पक्षी को फिर से उसके प्राकृतिक आवास में पहुंचाया है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल देती है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए शिक्षा, रोजगार और ईको-पर्यटन के नए अवसर भी प्रदान करती है। स्पिक्स मैकॉ की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि अगर सही प्रयास किए जाएं तो विलुप्त होती प्रजातियों को बचाया जा सकता है और प्रकृति के साथ हमारा संतुलन फिर से स्थापित किया जा सकता है।

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