Kheoni wildlife Sanctuary का बढ़ता आकर्षण
खेओनी वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के सबसे तेजी से लोकप्रिय होते पर्यटन स्थलों में शामिल हो गया है। मार्च और अप्रैल 2025 के दौरान यहां लगभग 700 पर्यटकों ने भ्रमण किया। गर्मी की छुट्टियों में यह जगह बच्चों और परिवारों के बीच खासा पसंदीदा बन चुकी है।
बाघों की बढ़ती संख्या बनी मुख्य वजह

Kheoni wildlife Sanctuary अब बाघों की बढ़ती संख्या के लिए चर्चा में है। फिलहाल यहां 5 नर, 3 मादा बाघ और 2 शावक सुरक्षित वातावरण में विचरण कर रहे हैं। बाघों की मौजूदगी न केवल अभयारण्य की जैव विविधता को मजबूत कर रही है बल्कि यह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
लुप्तप्राय गिद्धों की वापसी से नई उम्मीदें
सफेद गिद्धों का पुनर्वास

यहां लुप्तप्राय इजिप्शियन वल्चर (सफेद गिद्ध) का जोड़ा देखा गया है, जिनके घोंसले में अंडे पाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे पक्षी प्रेमियों में खुशी की लहर है।
हाल ही में ट्रैप कैमरों में ‘राज गिद्ध’ की भी तस्वीरें कैद हुई हैं, जिससे यहां गिद्ध प्रजातियों की वापसी की पुष्टि हुई है।
संरक्षण की दिशा में कदम

रेंजर भीम सिंह सिसौदिया के अनुसार, 1990 के बाद गिद्धों की संख्या में 90% की गिरावट देखी गई थी। अब वन विभाग लॉन्ग टर्म एक्शन प्लान के तहत इन पक्षियों के संरक्षण के लिए विशेष कदम उठा रहा है ताकि इन्हें हर मौसम में स्थायी और सुरक्षित आवास मिल सके।
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Kheoni wildlife Sanctuary: जैव विविधता का खजाना
क्षेत्रफल और भौगोलिक स्थिति
विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमालाओं के बीच स्थित Kheoni wildlife Sanctuary करीब 118.64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यह इलाका बाघों के साथ-साथ तेंदुआ, चिंकारा और कई दुर्लभ पक्षियों की शरणस्थली है।
दुर्लभ पक्षियों की पहचान
यहां अब तक लगभग 55 से अधिक दुर्लभ पक्षी प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें गिद्धों के अलावा चील, बाज और विभिन्न प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं, जो हर साल यहां डेरा डालते हैं।
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निष्कर्ष
खिवनी वन्यजीव अभयारण्य आज मध्य प्रदेश का एक चमकता सितारा बन चुका है, जहां बाघों की बढ़ती संख्या और गिद्धों की वापसी ने इसे पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के बीच खास पहचान दिलाई है। यह अभयारण्य न केवल जैव विविधता के संरक्षण का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। विंध्य और सतपुड़ा की गोद में बसे इस प्राकृतिक धरोहर में आने वाला हर सैलानी वन्य जीवन की असली सुंदरता का अनुभव करता है। आने वाले वर्षों में यहां के संरक्षण प्रयास और पर्यटन सुविधाएं इसे और भी लोकप्रिय बनाएंगे।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
खेओनी वन्यजीव अभयारण्य कहां स्थित है?
यह मध्य प्रदेश के हरदा जिले में विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमालाओं के बीच स्थित है।
क्या खेओनी वन्यजीव अभयारण्य में बाघ देखे जा सकते हैं?
जी हां, यहां 5 नर, 3 मादा और 2 शावक बाघ मौजूद हैं, जिन्हें अक्सर सफारी के दौरान देखा जा सकता है।
क्या खेओनी वन्यजीव अभयारण्य गिद्धों के संरक्षण में भी मदद कर रही है?
बिल्कुल, हाल ही में यहां इजिप्शियन वल्चर और राज गिद्ध की उपस्थिति दर्ज की गई है, जिससे गिद्धों के पुनर्वास में यह सेंचुरी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पर्यटन के लिहाज से सबसे अच्छा समय कब है?
मार्च से अप्रैल और फिर अक्टूबर से फरवरी तक का समय यहां पर्यटन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।