Nahargarh Biological Park: जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यहाँ सात वर्षीय बाघिन रानी ने रविवार को पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। खास बात यह है कि इन नवजातों में एक सफेद बाघ और चार गोल्डन बंगाल टाइगर शामिल हैं, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
11 महीनों में दूसरी बार बनी मां, बनाया रिकॉर्ड
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाघिन रानी ने महज 11 महीने के भीतर दूसरी बार शावकों को जन्म देकर नया रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले साल 10 मई को भी रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें भीम और स्कंदी जैसे मजबूत बाघ शामिल हैं।
Nahargarh Biological Park रानी की देखभाल में खास इंतजाम
वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने जानकारी दी कि बाघिन रानी को वर्ष 2021 में ओडिशा के नंदन कानन चिड़ियाघर से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाया गया था। यहां उसे ग्वालियर से आए बाघ शिवाजी के साथ रखा गया था। गर्भवती होने की पुष्टि के बाद रानी को विशेष देखभाल में रखा गया, जिसमें स्पेशल डाइट, चिकित्सीय निगरानी और सीसीटीवी से 24 घंटे मॉनिटरिंग की गई।
लॉयन सफारी से भी जल्द मिलेगी खुशखबरी
नाहरगढ़ जैविक उद्यान की लॉयन सफारी में रह रही शेरनी तारा भी जल्द ही शावकों को जन्म दे सकती है। वन विभाग के अनुसार, तारा गर्भवती है और अगले महीने के दूसरे सप्ताह तक खुशखबरी मिल सकती है। तारा ने इससे पहले 14 अक्टूबर को एक शावक को जन्म दिया था, जिसे एनआईसीयू में विशेष देखभाल दी गई थी। अब वह शावक भी पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही डिस्प्ले एरिया में दिखाया जाएगा।
नन्हे मेहमानों से बढ़ी उद्यान की रौनक
DFO विजयपाल सिंह ने बताया कि नाहरगढ़ जैविक उद्यान अब वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनता जा रहा है। नए शावकों के जन्म से न केवल उद्यान की रौनक बढ़ी है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिली है। आने वाले दिनों में यहां सैलानियों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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निष्कर्ष
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में बाघिन रानी द्वारा पांच स्वस्थ शावकों के जन्म ने न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को नई ऊर्जा दी है, बल्कि उद्यान को भी एक नई पहचान दिलाई है। सफेद और गोल्डन बंगाल टाइगर शावकों का जन्म एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो भविष्य में जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रेरणा बनेगी। वन विभाग की सतर्कता और विशेष देखभाल ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। आने वाले समय में नन्हे मेहमानों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है, जिससे नाहरगढ़ जैविक उद्यान का आकर्षण और भी बढ़ेगा।