Wildlife Sanctuary Spiti Valley Himachal के रूप में पहचाना जाने वाला टसराप चू संरक्षण रिजर्व अब भारत का सबसे बड़ा संरक्षण क्षेत्र बन चुका है। हिमाचल प्रदेश की ठंडी और दुर्गम स्पीति घाटी में स्थित यह अभयारण्य अब जैव विविधता संरक्षण और इको-पर्यटन का नया केंद्र बन गया है। 7 मई 2025 को इसे आधिकारिक रूप से भारत का 146वां संरक्षण रिजर्व घोषित किया गया।
1585 वर्ग किलोमीटर में फैला अभूतपूर्व क्षेत्र
पूर्व में पश्चिम बंगाल का रापन चकोट देश का सबसे बड़ा संरक्षण क्षेत्र था, लेकिन अब टसराप चू, 1585 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ, इस स्थान को पीछे छोड़ चुका है। यह हिमाचल का पांचवां और देश का सबसे बड़ा संरक्षण रिजर्व बन गया है।
अद्वितीय भौगोलिक स्थिति
यह संरक्षण क्षेत्र उत्तर में लद्दाख की सीमा से लगता है, जबकि पूर्व में किब्बर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, दक्षिण में कबजीमा नाला, और पश्चिम में चंद्रताल अभयारण्य तथा बारालाचा दर्रा से घिरा हुआ है। यह इलाका चारप नाला के जलग्रहण क्षेत्र के अंतर्गत आता है और दो प्रमुख वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज़ – किब्बर और चंद्रताल – को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण वन्यजीव गलियारा है।
हिम तेंदुए का सुरक्षित घर
यह Wildlife Sanctuary in Spiti Valley विशेष रूप से हिम तेंदुए (Snow Leopard) के लिए प्रसिद्ध है, जिसे “पहाड़ों का भूत” भी कहा जाता है। यह शिकारी प्रजाति ऊँचे बर्फीले और पथरीले इलाकों में निवास करती है और इसकी उपस्थिति इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी की उत्कृष्टता का प्रतीक मानी जाती है।
अन्य दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियाँ
यह क्षेत्र केवल हिम तेंदुए तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ तिब्बती भेड़िया, भरल (ब्लू शीप), हिमालयी आइबेक्स, तिब्बती अर्गली और कियांग जैसे उंगुलेट भी पाए जाते हैं। साथ ही रोज फिंच, तिब्बती रैवेन, और येलो-बिल्ड चौघ जैसे पक्षी इस इलाके की जैव विविधता को और भी समृद्ध बनाते हैं।
संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी
टसराप चू संरक्षण रिजर्व का प्रबंधन एक समर्पित समिति के जरिए किया जाएगा जिसमें स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। यह मॉडल वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय आजीविका के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
हिमाचल के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अमिताभ गौतम ने बताया कि यह कदम न केवल वन्यजीवों को संरक्षण देगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी सशक्त बनाएगा। इको-टूरिज्म, ट्रेकिंग, रिसर्च और फोटोग्राफी जैसी गतिविधियाँ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नया जीवन देंगी।
संरक्षण रिजर्व का महत्व
संरक्षण रिजर्व वे क्षेत्र होते हैं जो जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील होते हैं, लेकिन वे पारंपरिक नेशनल पार्क या अभयारण्यों की श्रेणी में नहीं आते। इनका उद्देश्य स्थानीय समुदायों की भागीदारी से प्राकृतिक संसाधनों का सतत संरक्षण करना होता है।
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निष्कर्ष
Wildlife Sanctuary, Spiti Valley, Himachal के रूप में टसराप चू न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह अभयारण्य संरक्षण, अनुसंधान और आजीविका के नए द्वार खोलता है। हिमालय की गोद में बसे इस क्षेत्र को संरक्षित दर्जा मिलने से न केवल संकटग्रस्त प्रजातियाँ संरक्षित होंगी, बल्कि एक नई स्थायी विकास की परंपरा भी शुरू होगी।