SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY: महाराष्ट्र में वन्यजीव संरक्षण की नई उम्मीद

🗓️ Published on: May 24, 2025 2:53 pm
SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY

SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY: महाराष्ट्र में बीते तीन महीनों में 23 बाघों की मौत ने वन्यजीव संरक्षण पर गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस संकट से निपटने और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार अब गुजरात के प्रसिद्ध ‘वंतारा’ मॉडल की तर्ज पर SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY नामक एक आधुनिक अभयारण्य की स्थापना की योजना बना रही है।

वंतारा से प्रेरणा: निजी प्रयासों से बना आदर्श

गुजरात के जामनगर में स्थित ‘वंतारा’, अनंत अंबानी द्वारा संचालित एक अद्वितीय पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र है। यह अभयारण्य 43 से अधिक प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवरों को संरक्षित कर रहा है। इसकी प्रशंसा और सफलता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है।

महाराष्ट्र में बिगड़ता वन्यजीव संतुलन

हाल के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। वन मंत्री गणेश नाइक के अनुसार, राज्य में वर्तमान में 446 बाघ हैं, जिनमें से सबसे अधिक चंद्रपुर जिले में पाए जाते हैं। फिर भी, बीते तीन महीनों में 19 बाघों की प्राकृतिक मौत और 4 बाघों के शिकार की घटनाएँ सामने आई हैं। इनमें से कुछ की मौत भूख से हुई बताई गई है।

SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY के लिए जमीन तय

राज्य सरकार ने SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY की स्थापना के लिए ठाणे क्षेत्र में उपयुक्त भूमि की पहचान कर ली है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सहयोग के लिए अनंत अंबानी से संपर्क किया गया है। वन मंत्री ने उन्हें एक पत्र भेजकर वंतारा जैसी परियोजना में तकनीकी और बुनियादी सहयोग देने का आग्रह किया है।

राजस्व और हरित विकास की नई रणनीति

राज्य सरकार वन विभाग की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है। वन विकास निगम को उपलब्ध भूमि पर बांसारोपण का निर्देश दिया गया है, जबकि मराठवाड़ा में मोसंबी, विदर्भ में संतरा, नासिक में अंगूर और पश्चिम महाराष्ट्र में अनार जैसे फलों के पेड़ लगाए जाएंगे। इससे फलों के रस का उत्पादन कर आय में वृद्धि की जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुआयामी पहल

सामाजिक वानिकी विभाग अब समृद्धि महामार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण करेगा, जिससे हरित आवरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, जंगलों में शाकाहारी जानवरों के लिए फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे ताकि मांसाहारी जानवर जैसे बाघ और तेंदुए जंगल से बाहर न निकलें और मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सके।

सौर ऊर्जा और आधुनिक फर्नीचर फैक्ट्रियां

वन विभाग की अनुपयोगी भूमि पर सौर पैनलों की स्थापना कर स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही, पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के सपनों को साकार करते हुए नागपुर सहित राज्य के अन्य हिस्सों में लकड़ी से फर्नीचर निर्माण की फैक्ट्रियां स्थापित की जाएंगी, जिन पर 70 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

अत्याधुनिक अग्निशमन और निगरानी प्रणाली

इस साल मेलघाट में जंगल की आग की एक भी घटना नहीं हुई, जो कि प्रशासन की सतर्कता का प्रमाण है। भविष्य की तैयारियों के तहत, सरकार ड्रोन और आवश्यकता पड़ने पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी जंगल की आग बुझाने के लिए तैयार है। 50 लाख रुपये की लागत से अग्निशमन ड्रोन की खरीद भी प्रस्तावित है।

शिकार पर नियंत्रण और सतर्कता

मंत्री नाइक ने बताया कि अब शिकारी जंगलों में नहीं बल्कि शहरी इलाकों से सक्रिय हैं। हाल ही में पकड़े गए कुछ शिकारियों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी सामने आए हैं, जिनकी जांच जारी है। मामले में आरोप पत्र जल्द ही दाखिल किया जाएगा।

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निष्कर्ष:

SURYATARA WILDLIFE SANCTUARY महाराष्ट्र के लिए न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, बल्कि इससे राज्य की हरित अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन को भी नई ऊर्जा मिलेगी। वंतारा की तर्ज पर यह परियोजना यदि सफल होती है, तो यह देशभर के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है।

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