STR TIGER ATTACK WATCHMAN: बाघ के जबड़े से साथी को खींच लाया बहादुर चौकीदार, खौफ और साहस की 30 मिनट की कहानी

🗓️ Published on: May 31, 2025 8:26 pm
STR TIGER ATTACK WATCHMAN

STR TIGER ATTACK WATCHMAN: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) में बाघ का हमला, लेकिन एक निहत्थे चौकीदार ने ऐसी बहादुरी दिखाई कि उसने अपने साथी की जान बाघ के जबड़े से खींचकर बचा ली। यह घटना जितनी डरावनी थी, उतनी ही प्रेरणादायक भी। इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 30 मिनट तक बाघ दोनों चौकीदारों के आसपास मंडराता रहा। आइए जानते हैं STR TIGER ATTACK WATCHMAN की इस रोमांचक और साहसिक कहानी को, चौकीदार रामदास की जुबानी।

STR TIGER ATTACK WATCHMAN बाघ के हमले में चौकीदार गंभीर रूप से घायल

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के मढ़ई क्षेत्र के कोर एरिया में स्थित लागदा कैंप में यह घटना हुई, जहां चौकीदार बृजेंद्र टेकाम पर अचानक एक बाघ ने हमला कर दिया। उसी वक्त उनके साथ मौजूद थे रामदास इवने, जो उनके जीजा भी हैं। रामदास ने बिना डरे बाघ से भिड़कर अपने साले को बचा लिया। इस हमले में बृजेंद्र के कंधे और पीठ पर गंभीर चोटें आईं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जान की परवाह किए बिना बाघ से भिड़ गए रामदास

रामदास बताते हैं, “बुधवार रात करीब 8 बजे की बात है। हम दोनों फोन पर अपने परिवार से बात करने के लिए कैंप से बाहर निकले थे। तभी करीब 10 मीटर की दूरी पर बाघ ने बृजेंद्र पर झपट्टा मारा। वह ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा, ‘जीजा मुझे बचाओ!’ मैंने देखा कि टाइगर उसे खींचकर ले जा रहा है। बिना सोचे-समझे मैं उसकी ओर दौड़ पड़ा और चिल्लाने लगा। मुझे सिर्फ उसे बचाना था, चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए।”

बाघ के हटने के बाद भी खतरा टला नहीं था

रामदास बताते हैं, “मेरी आवाज सुनकर बाघ डरकर भाग गया। मैं किसी तरह से अपने साले को उसके चंगुल से छुड़ाकर कैंप में लाया। वह दर्द में था और बोला – ‘मुझे पानी दो।’ जब मैं पानी लाने बाहर निकला तो देखा बाघ कैंप के बाहर ही खड़ा था। मैं जल्दी से पानी लेकर अंदर आया और दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद हमने रेंजर पीएन ठाकुर को फोन किया और गाड़ी बुलवाई। मढ़ई से गाड़ी भेजी गई।”

बाघ को भगाने के लिए गाड़ी सामने खड़ी की गई

रामदास बताते हैं कि करीब आधे घंटे तक बाघ कैंप के बाहर मंडराता रहा। जब रेस्क्यू टीम वहां पहुंची, तब तक बाघ वहीं पर था। गाड़ी में जितेंद्र धुर्वे, संजू धुर्वे, ओम प्रकाश धुर्वे और ड्राइवर दीपक धुर्वे थे। उन्होंने गाड़ी को बाघ के सामने किया, तब जाकर वह वहां से भागा। इसके बाद घायल बृजेंद्र को अस्पताल ले जाया गया।

चौकीदारों के पास नहीं है पर्याप्त सुरक्षा

रामदास बताते हैं, “जंगल में गश्त के समय हमारे पास सिर्फ एक कुल्हाड़ी और पानी की बोतल होती है। हमारे पास अपनी सुरक्षा के लिए कोई हथियार या अलार्म सिस्टम नहीं होता। घटना के वक्त भी हमारे पास कुछ नहीं था। अगर हमें ऐसी कोई डिवाइस मिले जिससे आवाज करके जानवर को दूर किया जा सके, तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है। कुछ समय पहले भी एक लेपर्ड ने चौकीदार पर हमला किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी।”

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निष्कर्ष: बहादुरी की मिसाल बना रामदास

इस पूरी घटना ने दिखाया कि STR TIGER ATTACK WATCHMAN रामदास जैसे कर्मचारी कितने साहसी और समर्पित होते हैं। उन्होंने बिना हथियार, बिना सुरक्षा के एक आदमखोर बाघ से अपने साथी को बचाया। यह कहानी केवल बहादुरी की नहीं, बल्कि हमारे वनकर्मियों की जिम्मेदारियों और खतरों को भी उजागर करती है।

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