Sindoor forest will be built in Ahmedabad in the memory of Operation Sindoor, a tribute that blends patriotism with environmental consciousness. अहमदाबाद नगर निगम (AMC) शहर के जगतपुर ब्रिज के पास 5000 वर्ग मीटर भूमि पर इस सिंदूर वन को विकसित करेगा। यह विशेष वन 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में 551 सिंदूर के पेड़ लगाकर इस पहल की शुरुआत होगी।

ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में विशेष वन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ उस ऐतिहासिक कार्रवाई को याद करता है, जिसे पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में चलाया गया था। इसी की स्मृति में Sindoor forest will be built in Ahmedabad, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस बलिदान को याद रख सकें। यह वन चांदलोडिया वार्ड के वेस्टर्न प्राइस फ्लैट के पास, टी.पी. 35, एफ.पी. 43/1 क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।

PPP मॉडल पर होगा निर्माण
AMC की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने जानकारी दी कि यह ऑक्सीजन पार्क “समस्त वैष्णव वाणिक परिवार (SVVP)” द्वारा पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत अपने खर्च पर तैयार किया जाएगा। अगले पांच वर्षों तक SVVP इस वन का संरक्षण और रखरखाव करेगा।
सिंदूर पेड़ की विशेषता
सिंदूर का पेड़ (Bixa orellana) एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है जो दक्षिण एशियाई देशों में अधिकतर पाया जाता है। इसके फलों के अंदर पाए जाने वाले बीजों पर लाल रंग का प्राकृतिक पाउडर होता है, जिसे ‘प्राकृतिक सिंदूर’ कहा जाता है। यह पाउडर धार्मिक कार्यों के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में रंग देने, हेयर डाई, नेल पॉलिश, स्याही, साबुन और पेंट बनाने जैसे कई वाणिज्यिक उत्पादों में भी उपयोग होता है।
मियावाकी पद्धति से होगा वृक्षारोपण
इस ऑक्सीजन पार्क में कुल 12,000 पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें से 551 सिंदूर के पेड़ विशेष रूप से शामिल होंगे। शेष देशी पेड़ों को मियावाकी पद्धति से रोपा जाएगा, जो जैव विविधता और तेजी से हरियाली बढ़ाने की एक प्रभावी जापानी तकनीक है।
40 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य
पिछले साल अहमदाबाद में 30 लाख पौधे लगाए गए थे, जिससे शहर का हरित आवरण 12% तक पहुंच गया। इस वर्ष AMC का लक्ष्य है कि वह इस परियोजना के माध्यम से 40 लाख नए पेड़ लगाए, जिससे न सिर्फ पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि लोगों में हरियाली के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
सिंदूर पेड़ के औषधीय लाभ
सिंदूर का पेड़ केवल धार्मिक या वाणिज्यिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि औषधीय दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। इसके उपयोग से पाचन में सुधार, त्वचा की देखभाल, सूजन में राहत, और संक्रमण जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। पारंपरिक औषधियों में इसका उपयोग आमतौर पर त्वचा विकारों और आंतरिक संक्रमणों के उपचार में किया जाता है।
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निष्कर्ष
Sindoor forest will be built in Ahmedabad—यह केवल एक वृक्षारोपण परियोजना नहीं है, बल्कि देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक भागीदारी का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में यह वन आने वाली पीढ़ियों को बलिदान, प्रकृति और सामूहिक उत्तरदायित्व का संदेश देगा। 40 लाख पौधे लगाने का अहमदाबाद नगर निगम का संकल्प न केवल शहर की हरियाली को बढ़ाएगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन और जनजागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। सिंदूर के वृक्षों का धार्मिक, वाणिज्यिक और औषधीय महत्व इसे और भी खास बनाता है। ऐसे प्रयास न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यावरणीय आंदोलनों को प्रेरणा प्रदान करते हैं।