Similipal National Park को हाल ही में आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलने से ओडिशा की जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यह कदम राज्य सरकार की वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
सिमिलिपाल का महत्व
सिमिलिपाल नेशनल पार्क, जो मयूरभंज जिले में स्थित है, भारत के सबसे बड़े बाघ अभ्यारण्य में से एक है। यह पार्क बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, गैंडे, और चौसिंगा जैसी दुर्लभ प्रजातियों का घर है। इसके अलावा, यह पार्क 1,076 पौधों की प्रजातियों, 42 स्तनधारी प्रजातियों, 242 पक्षी प्रजातियों और 30 सरीसृप प्रजातियों का भी आश्रय स्थल है।
राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा
ओडिशा सरकार ने 24 अप्रैल 2025 को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 35(4) के तहत सिमिलिपाल को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया। इससे पहले, यह क्षेत्र केवल वन्यजीव अभ्यारण्य और बाघ परियोजना के तहत संरक्षित था। अब यह ओडिशा का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान बन गया है, पहला भितरकनिका नेशनल पार्क है।
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संरक्षण और विकास की दिशा में कदम
राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलने से सिमिलिपाल में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में और मजबूती आएगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने पार्क में अत्याधुनिक लंबी दूरी वाले कैमरे लगाने की योजना बनाई है, जो वास्तविक समय में निगरानी करेंगे और संभावित आग की घटनाओं की सूचना देंगे।
Similipal National Park पर्यटकों के लिए जानकारी
सिमिलिपाल नेशनल पार्क अक्टूबर से अप्रैल तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। यहां प्रवेश के लिए विभिन्न गेट्स जैसे कालियानी, लुलुंग और चहला हैं। पार्क में प्रवेश के समय और नियमों का पालन करना आवश्यक है। पार्क में प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित है और आगंतुकों से स्थानीय वनवासियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार की अपेक्षा की जाती है।
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Conclusion
सिमिलिपाल को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलना ओडिशा और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता को प्रोत्साहित करेगा। यह पार्क अब बेहतर निगरानी और सुरक्षा के तहत होगा, और पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक स्थल बनेगा।