Sasan Gir में 700 से अधिक शेर! सांसद परिमल नाथवानी ने शेर गणना में लिया हिस्सा

📝 Last updated on: May 15, 2025 4:39 pm
Sasan Gir

Sasan Gir और सौराष्ट्र में 16वीं शेर गणना का सफल आयोजन

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में फैले जंगलों में शेरों की 16वीं जनगणना बड़े पैमाने पर आयोजित की गई, जिसमें Sasan Gir को प्रमुख केंद्र के रूप में शामिल किया गया। इस अभियान में वन विभाग के कर्मचारियों, स्वयंसेवकों, स्थानीय सरपंचों और NGOs समेत 3,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

शेर गणना के दौरान 11 जिलों, 58 तालुकाओं और लगभग 3,500 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर किया गया। इस आयोजन की खास बात यह रही कि राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने भी इस प्रक्रिया में भाग लेकर शेरों की गिनती का अनुभव साझा किया।

सांसद परिमल नाथवानी का अनुभव: ‘अद्भुत और अविस्मरणीय’

सांसद परिमल नाथवानी ने अमरेली जिले के राजुला/ऊना क्षेत्र में दिनभर वन कर्मियों के साथ शेरों की गणना की। उन्होंने इस अनुभव को “अद्भुत और अविस्मरणीय” बताया। साथ ही, उन्होंने एक वन कर्मचारी के साथ बाइक पर शेरों के ट्रैकिंग की एक फोटो भी साझा की।

Sasan Gir में शेरों की संख्या का नया अनुमान

शेरों की गिनती के लिए प्रारंभिक चरण में उन सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया जहां शेर पाए जाते हैं, जिनमें Sasan Gir National Park प्रमुख है। अनुमान लगाया गया है कि:

  • जंगल के भीतर लगभग 300 से अधिक शेर हैं
  • जबकि जंगल के बाहर लगभग 400 शेरों की मौजूदगी है

शेर गणना का पहला चरण 10 मई दोपहर 2 बजे शुरू हुआ और 11 मई दोपहर 2 बजे तक चला। उसके बाद कुछ समय के लिए प्रक्रिया को स्थगित किया गया और 1 जून दोपहर 2 बजे से अंतिम गणना का कार्य दोबारा शुरू होकर 13 जून दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा।

शेरों की संख्या में निरंतर वृद्धि: 1936 से 2020 तक का सफर

Sasan Gir में शेरों की गणना का इतिहास 1936 से शुरू होता है, जब जूनागढ़ राज्य ने पहली बार यह प्रयास किया था। नीचे दी गई तालिका में साल दर साल शेरों की संख्या का विवरण है:

वर्षशेरों की संख्या
1936287
1950227
1955290
1963285
1968177
1974180
1979205
1984239
1990284
1995304
2000327
2005359
2010411
2015523
2020674

इस वर्ष की शेर गणना के प्रारंभिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि शेरों की संख्या 700 से अधिक हो सकती है, जो Sasan Gir और आसपास के क्षेत्रों में बाघों के लिए सुरक्षित और समृद्ध पर्यावरण की पुष्टि करता है।

नई उपलब्धियाँ: राजकोट और पोरबंदर में पहली बार शेरों की उपस्थिति

इस बार की शेर गणना की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि राजकोट और पोरबंदर जिलों में पहली बार शेरों की उपस्थिति दर्ज की गई है। इससे यह साबित होता है कि शेर अब केवल Sasan Gir तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी इनकी उपस्थिति बढ़ रही है।

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निष्कर्ष: Sasan Gir भारत का शेरों का अभेद्य किला

Sasan Gir न केवल एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक निवास है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। लगातार बढ़ती शेरों की संख्या इस बात की गवाही देती है कि संरक्षण प्रयास सफल हो रहे हैं। सांसद परिमल नाथवानी जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों की भागीदारी से यह संदेश जाता है कि यह कार्य केवल वन विभाग का नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

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