Mahashivratri 2025: महा शिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। धार्मिक ग्रंथों में इसे विशेष महिमा प्रदान की गई है।
महा शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

Mahashivratri 2025 शिवपुराण:
महा शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की रात माना जाता है। इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शिवपुराण में कहा गया है कि इस दिन उपवास और रात्रि जागरण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
लिंग पुराण:
इस ग्रंथ में वर्णित है कि महा शिवरात्रि के दिन स्वयं भगवान शिव ‘लिंग’ स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन शिवलिंग का विशेष पूजन किया जाता है।
स्कंद पुराण:
इसमें उल्लेख है कि जो भक्त महा शिवरात्रि पर पूरी श्रद्धा से उपवास रखते हैं, वे जीवन में सभी सुख प्राप्त करते हैं और मृत्यु के बाद शिवलोक में स्थान पाते हैं।
पद्म पुराण:
महा शिवरात्रि को व्रत, ध्यान और शिवपूजन करने से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।
महाभारत:
इसमें भी महा शिवरात्रि का उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार, भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया कि महा शिवरात्रि पर व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल प्रदान करते हैं।
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महा शिवरात्रि की पूजा और व्रत का महत्व
इस दिन व्रत रखने से मन, आत्मा और शरीर की शुद्धि होती है।
चार प्रहर की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी बाधाओं का नाश होता है।
इस दिन जागरण (पूरी रात शिव भजन और ध्यान) करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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निष्कर्ष
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महा शिवरात्रि भगवान शिव की उपासना का सबसे उत्तम दिन है। इस दिन सच्चे मन से की गई भक्ति से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।