Kwant fair: होली के रंगों में सराबोर होने के बाद अगर आप एक अनोखे सांस्कृतिक अनुभव की तलाश में हैं, तो क्वांट का मेला जिसको गेर मेला के नाम से भी जाना जाता है। आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह मेला गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के क्वांट गांव में आयोजित किया जाता है, जो भील जनजाति का पारंपरिक केंद्र माना जाता है। इस साल यह मेला 16 मार्च को आयोजित होगा, जहां आप गुजरात की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को करीब से देख सकते हैं।
Kwant fair: आदिवासी संस्कृति का जीवंत मंच
क्वांट मेला (गेर मेला ) सिर्फ एक साधारण मेला नहीं है, बल्कि यह आदिवासी जीवनशैली, परंपराओं और रंगीन वेशभूषा का उत्सव है। इस मेले में स्थानीय आदिवासी समुदाय अपनी पारंपरिक पोशाकों में सजकर आते हैं और अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
कैसा होता है यह ( गेर मेला )क्वांट मेला?
पारंपरिक नृत्य और संगीत: मेले में युवा आदिवासी पुरुष अपने शरीर पर सफेद बिंदु बनाकर, मोर पंखों की माला, रंगीन बांस की टोपी और विशेष आभूषण पहनकर शामिल होते हैं। वे ढोल की थाप पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करते हैं, जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
संगीत और वाद्ययंत्र: मेले में ढोल, पिहो और जुड़वां ड्रम जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों का विशेष महत्व होता है। इनकी गूंज से पूरा माहौल संगीतमय हो जाता है।
आदिवासी कला और शिल्प: मेले में आप स्थानीय हस्तशिल्प, आभूषण और पारंपरिक वस्त्रों की प्रदर्शनी भी देख सकते हैं, जो आदिवासी कारीगरी का अनोखा उदाहरण पेश करते हैं।
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कैसे पहुंचे (गेर मेला ) क्वांट के मेले मे?
स्थान: क्वांट गांव, छोटा उदयपुर, गुजरात
निकटतम शहर: वडोदरा (लगभग 114 किमी दूर)
सड़क मार्ग: आप वडोदरा से कार या बस के माध्यम से आसानी से क्वांट गांव पहुंच सकते हैं।
क्यों जाएं इस मेले में?
संस्कृति और परंपराओं को करीब से देखने का मौका
आदिवासी समुदाय के अनूठे नृत्य और संगीत का अनुभव
स्थानीय शिल्प और हस्तनिर्मित वस्त्रों की खरीदारी
एक यादगार यात्रा जो आपको प्रकृति और संस्कृति से जोड़ेगी
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अगर आप होली के बाद किसी अनोखे सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो क्वांट मेला आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस अद्भुत मेले का आनंद लें और गुजरात की समृद्ध आदिवासी विरासत को करीब से महसूस करें।