लद्दाख को आज दुनिया भर में “Kingdom of the Snow Leopard in Ladakh” यानी हिम तेंदुए का राज्य माना जाता है। हाल ही में हुए एक विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि भारत में हिम तेंदुओं की सबसे बड़ी और सघन आबादी लद्दाख क्षेत्र में पाई जाती है। यह क्षेत्र इन मायावी शिकारी बिल्लियों के लिए आदर्श निवास बन चुका है।
Kingdom of the Snow Leopard in Ladakh
हिम तेंदुओं का विशाल साम्राज्य
शोधकर्ताओं ने करीब 59,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हिम तेंदुओं की उपस्थिति का आकलन किया। हैरानी की बात यह रही कि इन दुर्लभ जानवरों ने 47,500 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। अध्ययन के अनुसार, लद्दाख में लगभग 477 हिम तेंदुए (Panthera uncia) रहते हैं, जो भारत में पाई जाने वाली कुल संख्या का लगभग 68 प्रतिशत है।
लद्दाख क्यों है हिम तेंदुओं का पसंदीदा ठिकाना?
हिम तेंदुओं की अधिक संख्या के पीछे कई कारण हैं:
- विशाल और दुर्गम पर्वतीय इलाके
- कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र
- शिकार की भरपूर उपलब्धता (जैसे कि नीले भेड़, आइबेक्स आदि)
- स्थानीय समुदायों में वन्यजीवों के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण
लद्दाख में हेमिस नेशनल पार्क को दुनिया में सबसे अधिक हिम तेंदुआ घनत्व वाला क्षेत्र माना जाता है, जहां हर 100 वर्ग किलोमीटर में 1 से 3 तेंदुए पाए जाते हैं।
हाई-टेक तकनीक से निगरानी
हिम तेंदुओं की पहचान और गणना के लिए शोधकर्ताओं ने अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया।
- 956 कैमरा ट्रैप 8,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लगाए गए।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सॉफ़्टवेयर ने उनके माथे के विशिष्ट धब्बों के पैटर्न के ज़रिए प्रत्येक तेंदुए की अलग पहचान सुनिश्चित की।
- एक राष्ट्रीय फोटो लाइब्रेरी भी तैयार की गई है, जो संरक्षण और अवैध शिकार की रोकथाम में अहम भूमिका निभाएगी।
इंसानों के साथ सह-अस्तित्व
शोध में यह तथ्य सामने आया कि 61% हिम तेंदुए मानव बस्तियों के समीप रहते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि लद्दाख में इंसानों और वन्यजीवों के बीच एक अनूठा सामंजस्य है। यहां के लोग हिम तेंदुए को केवल एक शिकारी नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक मानते हैं।
पर्यटन और संरक्षण का मेल
लद्दाख में हिम तेंदुओं पर आधारित इको-टूरिज्म से न केवल स्थानीय समुदायों को आय प्राप्त होती है, बल्कि यह संरक्षण प्रयासों को भी मज़बूती प्रदान करता है। इस मॉडल को दुनिया भर के हिम तेंदुआ आवास वाले क्षेत्रों में अपनाया जा सकता है।
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निष्कर्ष
“Kingdom of the Snow Leopard in Ladakh“ केवल एक उपाधि नहीं, बल्कि एक प्रमाण है उस अनूठे जैव विविधता संतुलन का, जो लद्दाख के कठिन इलाकों और वहां के संवेदनशील समुदायों ने मिलकर बनाया है। इस शोध ने न केवल हिम तेंदुओं की स्थिति को बेहतर समझने में मदद की, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रभावी संरक्षण मॉडल भी प्रस्तुत किया।