International Biodiversity Day 2025: प्रकृति की विविधता को बचाने का संकल्प

🗓️ Published on: May 22, 2025 2:08 pm
International Biodiversity Day 2025

हर साल 22 मई को International Biodiversity Day 2025 यानी अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। यह दिन धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं, पौधों, सूक्ष्मजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा और उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जैव विविधता हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यही हमें भोजन, दवाइयां, स्वच्छ पानी और जलवायु संतुलन जैसे अनगिनत संसाधन प्रदान करती है।

इस दिन का इतिहास

International Biodiversity Day 2025 की शुरुआत की कहानी 1993 से जुड़ी है, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (CBD) को लागू किया। शुरुआत में यह दिवस हर साल 29 दिसंबर को मनाया जाता था क्योंकि इसी दिन यह कन्वेंशन लागू हुआ था।

लेकिन साल 2000 में इसकी तारीख बदलकर 22 मई कर दी गई, क्योंकि 1992 में इसी दिन नैरोबी (केन्या) में इस कन्वेंशन को अपनाया गया था। यही दिन अब हर साल जैव विविधता के महत्व को उजागर करने के लिए चुना गया है।

International Biodiversity Day 2025 की थीम

इस साल की थीम है: “प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास” (Harmony with Nature and Sustainable Development)

यह विषय हमें यह समझाता है कि जैव विविधता का संरक्षण केवल प्रकृति के लिए ही नहीं, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह थीम विशेष रूप से कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (KMGBF) के उन उद्देश्यों को समर्थन देती है, जिनका मकसद पृथ्वी पर जीवन के हर रूप को संतुलन और सहयोग से आगे बढ़ाना है।

जैव विविधता क्या होती है?

जैव विविधता (Biodiversity) का मतलब है — पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों की विविधता, चाहे वे छोटे सूक्ष्मजीव हों, पौधे हों, जानवर हों या इंसान। इसके तीन मुख्य स्तर होते हैं:

स्तरविवरण
प्रजातीय विविधताविभिन्न प्रकार की जीव प्रजातियाँ जैसे पक्षी, जानवर, कीट आदि
आनुवंशिक विविधताएक ही प्रजाति में पाए जाने वाले अलग-अलग गुण और विशेषताएँ
पारिस्थितिकीय विविधताविभिन्न प्रकार के इकोसिस्टम जैसे जंगल, समुद्र, रेगिस्तान आदि

जैव विविधता को हो रहे खतरे

आज की दुनिया में जैव विविधता कई खतरों का सामना कर रही है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • वनों की अंधाधुंध कटाई
  • प्रदूषण – जल, वायु और मिट्टी का प्रदूषण
  • जलवायु परिवर्तन
  • अवैध शिकार और अत्यधिक मछली पकड़ना
  • प्राकृतिक आवासों का विनाश
  • पर्यटन और शहरीकरण का प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं।

जैव विविधता को बचाने के उपाय

हम सभी मिलकर जैव विविधता की रक्षा कर सकते हैं। इसके लिए कुछ ज़रूरी कदम हैं:

  • अधिक से अधिक वृक्ष लगाना
  • जैविक खेती को बढ़ावा देना
  • अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण को अपनाना
  • जागरूकता अभियान चलाना
  • राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य जैसी संरक्षित जगहों का निर्माण
  • पर्यावरण शिक्षा को स्कूल-कॉलेजों में शामिल करना
  • पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय प्रजातियों का संरक्षण करना

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास

जैव विविधता को बचाने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं, जैसे:

  • Convention on Biological Diversity (CBD)
  • Aichi Biodiversity Targets (2010-2020)
  • Post-2020 Global Biodiversity Framework
  • UN Decade on Ecosystem Restoration (2021–2030)

इन सभी का उद्देश्य एक ही है — जैव विविधता की रक्षा और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ना।

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भारत और जैव विविधता

भारत दुनिया के मेगा-बायोडायवर्सिटी वाले चुनिंदा देशों में शामिल है। यहां जैव विविधता की समृद्धता कुछ आंकड़ों में देखें:

  • लगभग 47,000 पौधों की प्रजातियाँ
  • 90,000 से अधिक जीव-जंतुओं की प्रजातियाँ
  • अनेक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान: जिम कॉर्बेट, काजीरंगा, सुंदरबन आदि

भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं:

  • नेशनल बायोडायवर्सिटी एक्शन प्लान
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
  • प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफैंट आदि

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निष्कर्ष

International Biodiversity Day 2025 हमें यह याद दिलाने का दिन है कि प्रकृति की हर कड़ी, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, हमारे जीवन से गहराई से जुड़ी हुई है। यदि हम जैव विविधता को न बचाएं, तो न केवल पर्यावरण संकट में पड़ेगा, बल्कि मानव जीवन भी खतरे में आ जाएगा।

हमें आज और अभी यह संकल्प लेना होगा कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे और आने वाली पीढ़ियों को एक सुंदर, संतुलित और सुरक्षित धरती देंगे।

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