पर्यावरण संरक्षण: मेहसाणा (उत्तर गुजरात) के सुरपुरा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक विजय कुमार रावल को उनके 15 वर्षों के अनवरत पर्यावरण संरक्षण कार्यों के लिए पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने विद्यालय में वृक्षारोपण, गौरैया बचाओ अभियान और स्वच्छता जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक चलाया है।

पर्यावरण संरक्षण हरियाली के प्रहरी बने विजय रावल
थोघवा गांव के मूल निवासी विजयकुमार रावल वर्तमान में बहुचराजी तालुका के सुरपुरा गांव में शिक्षा सेवाएं दे रहे हैं। पर्यावरण के प्रति उनका प्रेम इतना गहरा है कि वे हर वर्ष विद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान का आयोजन करते हैं, जिसमें स्थानीय बच्चों और अभिभावकों को भी शामिल किया जाता है।
बच्चों में जगाई पर्यावरण जागरूकता
शिक्षक विजय रावल मानते हैं कि अगर आज के बच्चे पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे, तो भविष्य में हमारी पृथ्वी सुरक्षित रह पाएगी। इसी सोच के साथ उन्होंने स्कूल में ‘गौरैया बचाओ अभियान’, ‘प्लास्टिक मुक्त स्कूल’ मुहिम, पक्षियों के लिए जल और भोजन की व्यवस्था, और ‘पेड़ लगाओ संकल्प’ जैसे अभियानों की शुरुआत की।
स्वच्छ भारत मिशन में योगदान
सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, विजय रावल ने अपने विद्यालय में स्वच्छता अभियान भी चलाया। बच्चों को स्वच्छता का महत्व समझाते हुए उन्होंने विद्यालय परिसर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने में अहम भूमिका निभाई।
पुरस्कार से बढ़ा हौसला
पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें हाल ही में सम्मानित किया गया है। विजय रावल का मानना है कि यह पुरस्कार सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए है जो पर्यावरण की रक्षा में उनका साथ दे रहे हैं।
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निष्कर्ष:
उत्तर गुजरात के विजय कुमार रावल न केवल शिक्षक हैं, बल्कि वे पर्यावरण के प्रहरी भी हैं। उनके कार्य हमें सिखाते हैं कि छोटे-छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। यदि हर विद्यालय और शिक्षक इसी तरह पर्यावरण के प्रति सजग हों, तो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए हरियाली और स्वच्छता बनी रह सकती है।