उत्तराखंड की वादियों में इन दिनों एक ऐसा मेहमान आया है, जिसे देखकर कोई भी अपनी नज़रें नहीं हटा सकता। यह कोई आम पक्षी नहीं, बल्कि bird of paradise, यानी भारतीय नाम से जाना जाने वाला “दूधराज” (Indian Paradise Flycatcher) है। अपनी लंबी पूंछ, मोहक उड़ान और रंगीन पंखों के कारण इसे ‘स्वर्ग से आया पक्षी’ भी कहा जाता है।

ज्योतिर्मठ में दिखाई दी स्वर्गीय सुंदरता
उत्तराखंड के चमोली ज़िले के ज्योतिर्मठ क्षेत्र में इस बार गर्मियों के मौसम में bird of paradise को देखा गया। स्थानीय प्रकृति प्रेमी और बर्ड वॉचर्स इसकी मौजूदगी से बेहद उत्साहित हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन ने भी इस दुर्लभ पक्षी के आगमन को क्षेत्र की जैव विविधता के लिए शुभ संकेत बताया है।
कैसे दिखता है यह पक्षी?

दूधराज पक्षी की सबसे बड़ी पहचान है इसकी लंबी, रिबन जैसी पूंछ जो उड़ते वक्त हवा में लहराती है। नर पक्षी अधिक आकर्षक दिखते हैं, जबकि मादा की पूंछ अपेक्षाकृत छोटी होती है। हाल ही में ज्योतिर्मठ के पास चौड़ारी गांव के सेब के बागानों में मादा bird of paradise को देखा गया, जो कीटों की तलाश में सक्रिय मुद्रा में थी।
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पक्षी नहीं, प्रकृति का प्रहरी
यह केवल खूबसूरती में ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी बेहद अहम भूमिका निभाता है। Bird of paradise एक कीटभक्षी पक्षी है, जो जंगलों, खेतों और बागानों में हानिकारक कीटों को खाकर प्राकृतिक नियंत्रण बनाए रखता है। यह ईकोसिस्टम का ऐसा रक्षक है, जो बिना किसी शोर के हमारी प्रकृति की रक्षा करता है।
बढ़ता बर्ड टूरिज्म और संरक्षण का संदेश
प्राकृतिक पर्यटन और बर्ड वॉचिंग के लिए उत्तराखंड का यह इलाका पहले से ही खास है। लेकिन bird of paradise की मौजूदगी ने इसकी खूबसूरती और बायोडायवर्सिटी की अहमियत और बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी दुर्लभ प्रजातियों का आना दर्शाता है कि इस क्षेत्र की जलवायु और जैविक स्थिति इनके लिए अनुकूल है।
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निष्कर्ष
Bird of paradise, यानी हमारा प्यारा दूधराज, केवल एक सुंदर पक्षी नहीं, बल्कि एक जैव विविधता का प्रहरी है। इसका उत्तराखंड आना न सिर्फ बर्ड वॉचर्स के लिए एक तोहफा है, बल्कि यह संकेत भी है कि यदि हम अपनी प्रकृति और वनों को संरक्षित रखें, तो स्वर्ग जैसी सुंदरता हमारे आसपास बनी रह सकती है।