Bhagwan Birsa Biological Park: झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित Bhagwan Birsa Biological Park में इस भीषण गर्मी को देखते हुए वन्य प्राणियों की देखभाल के लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। यहां जानवरों के आहार, आवास और तापमान नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे गर्मी से सुरक्षित रह सकें।
वन्य प्राणियों के लिए विशेष आहार और स्नान की व्यवस्था

उद्यान प्रबंधन ने गर्मी से राहत दिलाने के लिए हाथी ‘लखी रानी’ और ‘छोटे सम्राट’ के आहार में तरबूज, खीरा, चना, गन्ना और पीपल तथा बरगद के पत्तों के साथ ग्लूकोज मिलाया हुआ पानी शामिल किया है। साथ ही इन हाथियों को प्रतिदिन सुबह और शाम दो बार पानी के टैंक में स्नान कराया जा रहा है, ताकि उनके शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
शाकाहारी जानवरों के लिए ताजगी भरा भोजन

हिरण, नीलगाय, कृष्ण मृग और चीतल जैसे शाकाहारी प्राणियों को उनके नियमित आहार के अलावा खीरा भी दिया जा रहा है, जिससे वे गर्मी के प्रकोप से सहजता से निपट सकें। हिमालयन भालू और देसी भालू के भोजन में दूध, केला, सेब, तरबूज और खीरा जैसे ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं।
बाघ, शेर और तेंदुओं के लिए कूलर और विटामिन सप्लीमेंट

गर्मी से बचाव के लिए बाघों, शेरों और तेंदुओं के विश्राम कक्षों में कूलर लगाए गए हैं। खिड़कियों और ग्रिलों पर जूट के पर्दे टांगे गए हैं, जिन्हें समय-समय पर भिगोया जाता है ताकि अंदर ठंडक बनी रहे। इन मांसाहारी प्राणियों को मल्टीविटामिन और ग्लूकोज सप्लीमेंट भी दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी ऊर्जा बनी रहे और डीहाइड्रेशन से बचाव हो सके।
Bhagwan Birsa Biological Park: पशु चिकित्सकों की विशेष निगरानी
चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश साहू के अनुसार, गर्म हवाओं के कारण वन्य प्राणियों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उनके आहार में विशेष रूप से फल और ग्लूकोज शामिल किया गया है। साथ ही, उनकी सेहत की नियमित निगरानी भी की जा रही है ताकि समय पर आवश्यक उपचार मिल सके।
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निष्कर्ष
भगवान बिरसा जैविक उद्यान, रांची में वन्य प्राणियों की गर्मी से सुरक्षा के लिए किए गए प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। आहार में ताजगी भरे फल, ग्लूकोज युक्त पानी, कूलर और शेड्स की विशेष व्यवस्था से जानवरों को राहत दी जा रही है। चिकित्सकों की सतर्क निगरानी और प्रबंधन की सक्रियता के कारण यहां के वन्य जीव गर्मी के मौसम में भी स्वस्थ और सुरक्षित रह पा रहे हैं। इस तरह के प्रयास न केवल जानवरों की भलाई के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाते हैं।