Bhadra Tiger Reserve: चिकमगलूर, कर्नाटक – राज्य वन विभाग भद्रा बाघ अभयारण्य के भीतर जंगली हाथियों के लिए कर्नाटक का पहला नियोजित सॉफ्ट रिलीज़ सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहा है। इस पहल का उद्देश्य मानव-हाथी संघर्ष की चुनौती से निपटना और बचाए गए जंगली हाथियों को उनके प्राकृतिक परिवेश में धीरे-धीरे पुनः स्थापित करना है। हालांकि, इस परियोजना को लेकर प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ताओं और संरक्षणवादियों ने आपत्ति जताई है।
पर्यावरणविदों की आपत्ति और वैकल्पिक सुझाव
भद्रा वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन ट्रस्ट के डी.वी. गिरीश, राज्य वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य गिरिजाशंकर, और वाइल्डकैट-C के प्रबंध ट्रस्टी श्रीदेव हुलिकेरे सहित कई पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है कि यह केंद्र भद्रा जैसे संवेदनशील और संरक्षित इकोसिस्टम को नुकसान पहुँचा सकता है। उनका कहना है कि इस तरह की सुविधा अभयारण्य के बाहर स्थापित की जानी चाहिए, ताकि इसकी जैव विविधता और संरक्षण प्रयास प्रभावित न हों।
डीवी गिरीश ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम टाइगर रिज़र्व या किसी भी संरक्षित क्षेत्र के भीतर इस प्रकार की कोई भी स्थायी सुविधा स्थापित करने के विरोध में हैं। इस योजना से संरक्षण के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन हो सकता है।”
भद्रा अभयारण्य का पारिस्थितिक महत्व
1915 से संरक्षित वन और 1974 से वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा प्राप्त भद्रा क्षेत्र 1998 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। यह इलाका समृद्ध जैव विविधता, जल संसाधनों और अनुकूल जलवायु के कारण वन्यजीवों के लिए आदर्श निवास स्थान माना जाता है। वर्ष 2008 में इसे महत्वपूर्ण बाघ आवास के रूप में नामित किया गया था।
प्रस्तावित योजना और सरकारी दृष्टिकोण
वन विभाग ने Bhadra Tiger Reserve के भीतर चार संभावित स्थानों की पहचान की है जहाँ लगभग 20 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सॉफ्ट रिलीज़ सेंटर स्थापित किया जाएगा। यह क्षेत्र रेलवे बैरिकेड्स से सुरक्षित किया जाएगा और हाथियों के लिए पर्याप्त चारे की उपलब्धता के आधार पर चयन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि भद्रा रिज़र्व में वर्तमान में 500 हाथी हैं और यह क्षेत्र 50 अतिरिक्त हाथियों को समायोजित कर सकता है।
वरिष्ठ वन अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना विशेषज्ञों की सलाह और वैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद तैयार की गई है। उनका दावा है कि यह पहल जंगली हाथियों की सुरक्षा और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे ही हाथी जलवायु और वातावरण के अनुकूल हो जाते हैं, उन्हें नियमित निगरानी के साथ जंगल में पुनः छोड़ा जाएगा।
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Bhadra Tiger Reserve वित्त पोषण और भविष्य की दिशा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में राज्य बजट में इस परियोजना के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता की घोषणा की है। हालांकि, पर्यावरण कार्यकर्ताओं का आग्रह है कि वन विभाग इस योजना को संरक्षित क्षेत्र के बाहर लागू करे, जिससे भद्रा अभयारण्य की पारिस्थितिकीय संतुलन और संरक्षण प्रयास प्रभावित न हों।
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निष्कर्ष
Bhadra Tiger Reserve में प्रस्तावित यह सॉफ्ट रिलीज़ सेंटर कर्नाटक में अपनी तरह की पहली पहल है। एक ओर जहां यह मानव-वन्यजीव संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यह संरक्षण नीतियों और पारिस्थितिकीय स्थिरता के लिए एक नई चुनौती भी प्रस्तुत करता है। समाधान की दिशा में संतुलन बनाना अब वन विभाग और पर्यावरणविदों दोनों की साझा ज़िम्मेदारी है।