खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध: हाल के वर्षों में देशभर में पालतू कुत्तों द्वारा किए गए हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और इसी के चलते झारखंड सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य में कुछ खतरनाक मानी जाने वाली कुत्तों की नस्लों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य लोगों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और असुरक्षित पालतू जानवरों की घटनाओं पर रोक लगाना है।
खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध,क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
झारखंड में पिछले कुछ समय में पिटबुल, रॉटविलर, और डोगो अर्जेंटीनो जैसी नस्लों द्वारा हमले की घटनाएं सामने आई थीं। ये नस्लें स्वभाव से आक्रामक मानी जाती हैं और इनके व्यवहार पर नियंत्रण रखना कई बार मुश्किल हो जाता है। इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने न सिर्फ इनके पालन, बल्कि इनके खरीद-फरोख्त और प्रजनन पर भी रोक लगा दी है।
खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध. प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लों की सूची
सरकार द्वारा जिन कुत्तों की नस्लों पर रोक लगाई गई है, उनकी सूची नीचे दी गई है:
क्रम संख्या | नस्ल का नाम |
---|---|
1 | पिटबुल टेरियर (Pitbull Terrier) |
2 | रॉटविलर (Rottweiler) |
3 | डोगो अर्जेंटीनो (Dogo Argentino) |
4 | टोसा इनु (Tosa Inu) |
5 | अमेरिकन स्टैफर्डशायर टेरियर |
6 | फिला ब्रासीलिएरो (Fila Brasileiro) |
7 | अमेरिकन बुलडॉग (American Bulldog) |
8 | बोएरबोएल (Boerboel) |
9 | कांगल (Kangal) |
10 | केन कोर्सो (Cane Corso) |
इनके अलावा इन नस्लों के क्रॉस ब्रीड्स और हाइब्रिड वर्ज़न पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा।
पालनकर्ताओं के लिए निर्देश
यदि कोई व्यक्ति पहले से इन नस्लों के कुत्तों का पालन कर रहा है, तो उसके लिए सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- अनिवार्य रजिस्ट्रेशन: संबंधित नगरपालिका या प्राधिकरण से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
- सुरक्षा उपकरण: सार्वजनिक जगहों पर इन कुत्तों को मज़ल (मुंह पर जालीनुमा सुरक्षा कवच) पहनाना जरूरी होगा।
- पट्टे का उपयोग: हमेशा पट्टे से बांधकर ही बाहर घुमाना होगा।
- प्रजनन पर प्रतिबंध: इन कुत्तों का प्रजनन या ब्रिडिंग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
- बीमा करवाना: कुछ मामलों में कुत्ते के बीमा की सिफारिश की गई है, ताकि भविष्य में किसी दुर्घटना पर कानूनी समाधान मिल सके।
इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और कुत्ते को जब्त करना भी शामिल हो सकता है।
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स्वदेशी नस्लों को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से भारत की पारंपरिक और स्वदेशी कुत्तों की नस्लों को प्रोत्साहन मिलेगा, जैसे:
- राजापालयम
- कुम्भी
- कारवानी
- इंडियन पैरियाज
ये नस्लें न सिर्फ अनुकूल व्यवहार वाली होती हैं, बल्कि देश की जलवायु और जीवनशैली में भी आसानी से ढल जाती हैं।
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निष्कर्ष
झारखंड सरकार का यह फैसला आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस कदम से एक ओर जहां खतरनाक घटनाओं में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नस्लों को नई पहचान और संरक्षण मिलेगा।
यदि आप कुत्तों से प्रेम करते हैं, तो इस बदलाव को सकारात्मक रूप में अपनाएं और ऐसे कुत्तों को घर लाएं जो आपके परिवार के लिए सुरक्षित और अनुकूल हों।