Ramadan 2025 : कब से शुरू हो रहे रमजान,कब होगा पहला रोजा? जाने तारीख से लेकर हर एक जरूरी बाते

Last updated on March 1st, 2025 at 04:35 pm

 

Ramadan 2025 date and time in india : अरबी मे उपवास को सौम कहा जाता है। रमजान को अरबी मे माह -ए -सियाम कहा जाता है। जाने इस साल कब से हो रहा है रमजान आरंभ 

इस्लाम धर्म मे रमजान के महीने को सबसे पाक माह माना जाता है। पूरे एक महिने चलने वाले रमजान मे मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करने के साथ रोजा रखते है। बता दे की रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवा महिना है। इसके अलावा शब-ए-बारात से 14 वे दिन से रमजान शुरू हो जाता है। रमजान मे चाँद का विशेष महत्व होता है,क्यू की चाँद दिखने के आधार पर ही रोजा आरंभ किए जाते है ओर 30 से 31 दिन रोजा रखने के बाद चाँद देखकर ही ईद-उल फितर का पर्व मनाया जाता है। आइए जानते है इस साल कब से आरंभ हो रहा है रमजान 

कब से शुरू हो रहा रमजान 2025? (Ramadan 2025 date)

बता दे की भारत मे रमजान का पहला रोजा चाँद को देखने के बाद होता है। इस साल रमजान 2 मार्च से शुरू होसकता है,जो 1 अप्रेल को समाप्त हो सकता है। बता दे की चंद्रमा देखने के बाद तारीख ऊपर-नीचे हो सकती है। 

रमजान माह क्यों होता है खास?

इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान को सबसे पाक महिना माना जाता है। 28 से 30 दिनों तक चलने वाले रोजा का अलग-अलग महत्व होता है। पहले 10 दिन के रोजा को रहमत,दूसरे 10 दिनों के रोजा को बरकत ओर आखरी 10 दिनों के रोजा को मगफिरत कहा जाता है। इस दौरान अल्लाह की इबादत करना शुभ माना जाता है। 

सहरी ओर इफ्तार है जरूरी 

रमजान के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखा जाता है। इस दौरान खाने से लेकर पानी तक पीने की मनाई होती है। सूर्योदय से पहले लोग सहरी करते है। इस दौरान एनर्जी से भरपूर चीजों का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही शाम को सूर्यास्त के बाद के समय इफ्तार किया जाता है जिसमे खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। 

रमजान के दौरान की जाती है 5 वक्त की नमाज 

रमजान के दौरान रोजा करने के साथ-साथ पाँच वक्त की नमाज करना बहुत जरूरी माना जाता है। इसकी शुरुआत सूर्योदय से पहले होती है,जिसको नमाज-ए-फ़जर कहा जाता है। इसके अलावा सूर्य के ढलने से कुछ समय पूर्व की दूसरी नमाज को नमाज-ए-जूह्र,तीसरी नमाज सूर्य के अस्त होने के थोड़ी देर बाद वाली नमाज को नमाज-ए-अस्र,चौथी सूर्यास्त के तुरंत बाद वाली नमाज को नमाज-ए-मगरीब ओर रात मे पढ़ी जाने वाली नमाज को नमाज-ए-इषा कहा जाता है। 

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डिसक्लेमर

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FAQ


रमज़ान क्यों मनाया जाता है?

यह पैगंबर मुहम्मद के पहले रहस्योद्घाटन का उत्सव है, जो माउंट हिरा की एक गुफा में हुआ था जब उन्होंने फरिश्ता जिब्रील को देखा था। रमज़ान मनाने के लिए मुसलमानों को अपने विश्वास के प्रति सचेत रहना चाहिए और उपवास, प्रार्थना और दान के विशिष्ट अनुष्ठानों में भाग लेना चाहिए।


रमजान का दूसरा नाम क्या है?

उपवास को अरबी में “सौम” कहा जाता है, इसलिए इस मास को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। फ़ारसी में उपवास को रोज़ा कहते हैं।


रमजान के लिए सबसे अच्छी बधाई क्या है?

पारंपरिक रमज़ान शुभकामनाएँ: “रमज़ान मुबारक! यह पवित्र महीना आपके लिए शांति, आशीर्वाद और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आए। आपके रोज़े और प्रार्थनाएँ स्वीकार की जाएँ और आपको रमज़ान के दौरान आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक विकास मिले।” दोस्तों और परिवार के लिए रमज़ान: “आपको और आपके परिवार को रमज़ान की हार्दिक शुभकामनाएँ!


रमजान का असली इतिहास क्या है?

इतिहास में रमज़ान का इतिहास 610 ई. में पैगम्बर मुहम्मद (PBUH) से जुड़ा है, जब उन्हें पहली बार अल्लाह (SWT) से रहस्योद्घाटन प्राप्त हुआ था। इस पवित्र महीने के दौरान, फ़रिश्ते जिब्रील मक्का में पैगम्बर (PBUH) के सामने प्रकट हुए और उन्हें अल्लाह के पवित्र शब्द दिए, जो बाद में कुरान बन गए।

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